Sheena Bora Murder Case: द इंद्राणी मुखर्जी स्टोरी के रिलीज का रास्ता साफ, बॉम्बे HC ने खारिज की CBI की याचिका
बॉम्बे हाई कोर्ट CBI द्वारा दायर उस याचिका को गुरुवार को खारिज कर दिया जिसमें इंद्राणी मुखर्जी पर बनी नेटफ्लिक्स की डॉक्यूमेंट्री-सीरीज द इंद्राणी मुखर्जी स्टोरी- बरीड ट्रुथ पर रोक लगाने की मांग की गई थी। कोर्ट ने कहा कि अपनी बेटी शीना बोरा की हत्या की आरोपी इंद्राणी मुखर्जी पर बनी सीरीज में अभियोजन या मुकदमे के खिलाफ कुछ भी नहीं मिला है।
पीटीआई, मुंबई। Sheena Bora Murder Case: बॉम्बे हाई कोर्ट (Bombay High Court) ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) द्वारा दायर उस याचिका को गुरुवार को खारिज कर दिया, जिसमें इंद्राणी मुखर्जी पर बनी नेटफ्लिक्स की डॉक्यूमेंट्री-सीरीज 'द इंद्राणी मुखर्जी स्टोरी- बरीड ट्रुथ' (The Indrani Mukerjea Story- Burried Truth) पर रोक लगाने की मांग की गई थी।
CBI ने की थी सीरीज पर रोक की मांग
मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि अपनी बेटी शीना बोरा की हत्या की आरोपी इंद्राणी मुखर्जी पर बनी सीरीज में अभियोजन या मुकदमे के खिलाफ कुछ भी नहीं मिला है। न्यायमूर्ति रेवती मोहिते डेरे और न्यायमूर्ति मंजूषा देशपांडे की खंडपीठ ने सीबीआई की याचिका को खारिज भी कर दिया। मालूम हो कि सीबीआई ने कोर्ट में याचिका दायर कर मामले की सुनवाई पूरी होने तक डॉक्यूमेंट्री-सीरीज की रिलीज पर रोक लगाने की मांग की थी।
23 फरवरी को होने वाला था रिलीज
मालूम हो कि द इंद्राणी मुखर्जी स्टोरी- बरीड ट्रुथ नाम की डॉक्यूमेंट्री-सीरीज 25 वर्षीय बोरा के लापता होने की कहानी बताती है, जिसका प्रीमियर 23 फरवरी को स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स पर होने वाला था। हालांकि, सीबीआई की याचिका खारिज होने के बाद इसका नेटफ्लिक्स पर रिलीज होने का रास्ता साफ हो गया है।कोर्ट ने क्या कहा?
न्यायमूर्ति रेवती मोहिते डेरे और न्यायमूर्ति मंजूषा देशपांडे की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि पीठ ने इस सीरीज को देखा है और इसमें ऐसा कुछ भी नहीं मिला, जिससे मुकदमे या अभियोजन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़े। वहीं, पीठ ने पिछले सप्ताह मामले की सुनवाई करते हुए नेटफ्लिक्स को संबंधित सीबीआई अधिकारियों और वकीलों के लिए सीरीज की एक विशेष स्क्रीनिंग आयोजित करने का निर्देश दिया था। हालांकि, नेटफ्लिक्स ने इस दौरान कहा था कि वह 29 फरवरी तक सीरीज का प्रसारण नहीं करेगा।
सीबीआई ने क्या कहा?
गुरुवार को अतिरिक्त सालिसिटर जनरल देवांग व्यास ने सीबीआइ की ओर से पेश होते हुए कहा कि यह सीरीज न्याय और निष्पक्ष सुनवाई पर प्रतिकूल प्रभाव डालती है। पीठ ने कहा कि सीरीज में ऐसा कुछ भी नहीं है जो अभियोजन या मुकदमे के खिलाफ जाता हो। हमने इसे हर तरह से देखने की कोशिश की, लेकिन ईमानदारी से कहें तो हमें कुछ नहीं मिला।क्या है पूरा मामला?
मालूम हो कि अप्रैल 2012 में इंद्राणी, उसके तत्कालीन ड्राइवर श्यामवर राय और पूर्व पति संजीव खन्ना ने एक कार में बोरा की कथित तौर पर गला घोंटकर हत्या कर दी थी। बोरा की हत्या का खुलासा 2015 में तब हुआ जब राय ने एक अन्य मामले में अपनी गिरफ्तारी के बाद हत्या के बारे में खुलासा किया।
मामले में इंद्राणी को अगस्त 2015 में गिरफ्तार कर लिया गया। हालांकि, मई 2022 में जमानत दे दी गई। वहीं, इस मामले में अन्य आरोपी राय, खन्ना और पीटर मुखर्जी भी जमानत पर हैं। सीबीआई के मुताबिक, ट्रायल कोर्ट के समक्ष अब तक 237 गवाहों में से 89 से पूछताछ की जा चुकी है।यह भी पढ़ेंः 'देश के बंटवारे के लिए कांग्रेस जिम्मेदार', तेजस्वी सूर्या ने कहा- लोकसभा चुनाव में दक्षिण भारत होगा भाजपा का गढ़
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