विशालगढ़ किले से अतिक्रमण हटाने पर फिलहाल लगी रोक, हिंसक घटना के बाद हाईकोर्ट ने लिया फैसला
Maharashtra कोल्हापुर के विशालगढ़ किले में अतिक्रमण विरोधी अभियान के दौरान हुई हिंसा के बाद हाईकोर्ट ने अतिक्रमण हटाने पर फिलहाल रोक लगा दी है। साथ ही कोर्ट ने 14 जुलाई को हुई हिंसा पर चिंता भी जताई है। कोर्ट ने कहा कि विशालगढ़ किले के आसपास अगर कोई आवासीय या व्यावसायिक ढांचा ढहाया जाता है तो वह अधिकारियों पर सख्ती से कार्रवाई करेगी।
राज्य ब्यूरो, मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने शुक्रवार को महाराष्ट्र सरकार और पुलिस को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि मानसून के दौरान कोल्हापुर में विशालगढ़ किले के आसपास कोई ढांचा न ढहाया जाए। कुछ दिन पहले वहां अतिक्रमण विरोधी अभियान हिंसक हो गया था।
विशालगढ़ किले में 14 जुलाई को अतिक्रमण हटाने के अभियान के दौरान भीड़ ने पुलिसकर्मियों पर पथराव किया और संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया। जिसके चलते 500 से ज्यादा लोगों के खिलाफ मामले दर्ज किए गए और 21 अन्य को गिरफ्तार किया गया। हिंसा तब भड़क उठी, जब पुणे से आए कुछ लोगों को निषेधाज्ञा के मद्देनजर किले तक जाने से रोक दिया गया था।
अधिकारियों को दी चेतावनी
जस्टिस बर्गिस कुलाबावाला और जस्टिस फिरदौश पूनीवाला की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने कहा कि आज से विशालगढ़ किले के आसपास अगर कोई आवासीय या व्यावसायिक ढांचा ढहाया जाता है तो वह अधिकारियों पर सख्ती से कार्रवाई करेगी। सरकारी वकील पीपी काकड़े ने अदालत को भरोसा दिया कि राज्य सरकार के परिपत्र के अनुसार विशालगढ़ किला क्षेत्र में किसी भी व्यक्ति का कोई आवासीय परिसर बारिश के मौसम में नहीं ढहाया जाएगा, चाहे वह याचिकाकर्ता हो या कोई और।हिंसा पर जताई चिंता
कोर्ट ने इलाके में 14 जुलाई को हुई हिंसा पर भी चिंता जताई। पीठ ने शाहुवाड़ी थाने के वरिष्ठ निरीक्षक को निर्देश दिया कि वह 29 जुलाई को अदालत में हाजिर होकर सूचित करें कि हिंसा में शामिल लोगों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई है। पीठ ने कहा, 'विशालगढ़ में कानून-व्यवस्था की स्थिति का जिम्मेदार कौन है? हम चाहेंगे संबंधित पुलिस थाने के वरिष्ठ निरीक्षक हमारे सामने आएं।'
अदालत ने काकड़े की बात को माना और कहा कि सितंबर तक कोई विध्वंस नहीं किया जाएगा। गौरतलब है कि छत्रपति शिवाजी महाराज की शरणस्थली रहा कोल्हापुर का विशालगढ़ किला आजकल अतिक्रमण का शिकार है। यहां से अतिक्रमण हटाने की मांग शिवाजी महाराज के वंशज संभाजी महाराज छत्रपति लंबे समय से करते आ रहे हैं।
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