Mumbai: 'हानिकारक AQI के बारे में अधिकारियों ने नहीं उठाया कोई कदम', बांबे हाई कोर्ट ने वायु प्रदूषण को लेकर लगाई फटकार
बांबे हाई कोर्ट ने कहा है कि महानगर में वर्तमान वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) के हानिकारक स्तर के बारे में नागरिकों को जागरूक करने या स्वास्थ्य परामर्श जारी करने के लिए अधिकारियों ने कोई कदम नहीं उठाया है। मुख्य न्यायाधीश डीके उपाध्याय और जस्टिस आरिफ डाक्टर की खंडपीठ ने मुंबई में वायु प्रदूषण पर स्वत संज्ञान लेते हुए अपने आदेश में यह टिप्पणी की।
By Jagran NewsEdited By: Devshanker ChovdharyUpdated: Wed, 01 Nov 2023 11:41 PM (IST)
पीटीआई, मुंबई। बांबे हाई कोर्ट ने कहा है कि महानगर में वर्तमान वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) के हानिकारक स्तर के बारे में नागरिकों को जागरूक करने या स्वास्थ्य परामर्श जारी करने के लिए अधिकारियों ने कोई कदम नहीं उठाया है।
मुख्य न्यायाधीश ने की टिप्पणी
मुख्य न्यायाधीश डीके उपाध्याय और जस्टिस आरिफ डाक्टर की खंडपीठ ने मुंबई में वायु प्रदूषण पर स्वत: संज्ञान लेते हुए अपने आदेश में यह टिप्पणी की।
पीठ ने मंगलवार को महाराष्ट्र सरकार, केंद्र सरकार, बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी), महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को नोटिस जारी किया और पूछा कि समस्या से निपटने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं।
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इस मामले में अगली सुनवाई छह नवंबर को होगी
अदालत ने कहा कि वह याचिका पर अगली सुनवाई छह नवंबर को करेगी। बुधवार को जारी हुए विस्तृत आदेश में मीडिया रिपोर्टें का जिक्र किया गया है और कहा गया है कि मुंबई में पिछले 15-20 दिनों से एक्यूआई 150 से 411 के बीच है।रिपोर्टें कहती हैं कि मुंबई में वायु प्रदूषण को कम करने के लिए बीएमसी ने कुछ कदम उठाए हैं, लेकिन एक्यूआइ के स्तर में सुधार नहीं हुआ है और यह स्वास्थ्य अनुकूल सीमा में नहीं आया है। इस संबंध में तत्काल ध्यान देने की जरूरत है।
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