बदलापुर मुठभेड़ जांच पर बॉम्बे हाई कोर्ट ने CID को लगाई फटकार, कहा- हल्के में लिया गया मामला
महाराष्ट्र के बदलापुर मुठभेड़ मामले की जांच में लापरवाही बरतने के लिए बॉम्बे हाई कोर्ट ने सीआईडी को फटकार लगाई है। कोर्ट ने मजिस्ट्रेट को सौंपी जाने वाली सामग्री एकत्र करने में देरी के लिए भी सीआईडी की खिंचाई की। अदालत ने कहा कि वह चाहती है कि जांच सही ढंग से आगे बढ़े और निष्पक्ष हो। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई दो दिसंबर को तय की है।
पीटीआई, मुंबई। बॉम्बे हाई कोर्ट ने सोमवार को महाराष्ट्र सीआईडी को बदलापुर मुठभेड़ मामले की लचर जांच के लिए कड़ी फटकार लगाई है। जस्टिस रेवती मोहिते डेरे और जस्टिस पृथ्वीराज चव्हाण की खंडपीठ ने कहा कि मामले की जांच को हल्के में लिया गया है और इसमें कई खामियां हैं।
कोर्ट ने मुठभेड़ में माए गए अक्षय शिंदे के हाथों पर बंदूक की गोली के निशान न होने के साथ-साथ उसे दी गई पानी की बोतल पर उंगलियों के निशान नहीं होने पर भी सवाल उठाया और इसे असामान्य करार दिया। इसने मामले की जांच कर रहे मजिस्ट्रेट को सौंपी जाने वाली सामग्री एकत्र करने में देरी के लिए सीआईडी की खिंचाई की।
सच्चाई का पता लगाना है हमारा प्रयास: कोर्ट
इस दौरान पीठ ने कहा कि हमारा प्रयास सच्चाई का पता लगाना है। हमारा प्रयास यह देखना है कि हर सामग्री एकत्र की जाए और मजिस्ट्रेट के सामने रखी जाए और जांच सही ढंग से आगे बढ़े। हम निष्पक्ष जांच चाहते हैं। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई दो दिसंबर को तय की है।गौरतलब है कि 23 सितंबर को बदलापुर दुष्कर्म मामले का आरोपित अक्षय शिंदे ने अपने खिलाफ दर्ज मामले की जांच के लिए तलोजा जेल से बदलापुर ले जाते समय एक पुलिस कर्मी की बंदूक छीन ली थी। उसने तीन राउंड गोलियां चलाईं और जवाबी गोलीबारी में गंभीर रूप से घायल हो गया और अस्पताल पहुंचने पर उसे मृत घोषित कर दिया गया। यह घटना ठाणे जिले के मुंब्रा बाईपास पर हुई थी। घटना के समय शिंदे की हथकड़ी हटा दी गई थी, क्योंकि उसने पानी मांगा था, जो उसे वैन के अंदर एक बोतल में दिया गया था।
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