बॉम्बे हाई कोर्ट ने नांदेड़ और शंभाजीनगर में हुई मौतों पर लिया स्वतः संज्ञान, महाराष्ट्र सरकार से मांगा जवाब
बॉम्बे हाई कोर्ट ने महाराष्ट्र के अस्पतालों में हुई मौतों पर स्वतः संज्ञान लिया है। बॉम्बे हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डी के उपाध्याय और जस्टिस आरिफ डॉक्टर की खंडपीठ ने राज्य सरकार की ओर से पेश महाधिवक्ता बीरेंद्र सराफ से इस मामले पर जवाब मांगा है। खंडपीठ ने राज्य सरकार से स्वास्थ्य के लिए बजटीय आवंटन के बारे में विवरण देने को कहा है।
By AgencyEdited By: Devshanker ChovdharyUpdated: Wed, 04 Oct 2023 05:05 PM (IST)
पीटीआई, मुंबई। बॉम्बे हाई कोर्ट ने महाराष्ट्र के अस्पतालों में हुई मौतों पर स्वतः संज्ञान लिया है। हाई कोर्ट ने इस पर महाराष्ट्र सरकार से जवाब मांगा है। बता दें कि नांदेड़ और संभाजीनगर के सरकारी अस्पतालों में बीते दिनों कई मरीजों की मौत हो गई थी।
कोर्ट ने राज्य सरकार से मांगा जवाब
बॉम्बे हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डी के उपाध्याय और जस्टिस आरिफ डॉक्टर की खंडपीठ ने राज्य सरकार की ओर से पेश महाधिवक्ता बीरेंद्र सराफ से इस मामले पर जवाब मांगा है। खंडपीठ ने राज्य सरकार से स्वास्थ्य के लिए बजटीय आवंटन के बारे में विवरण देने को कहा है।
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हाई कोर्ट ने लिया स्वतः संज्ञान
समाचार एजेंसी पीटीआई ने बताया कि एक दिन पहले इस मामले में वकील मोहित खन्ना ने पीठ को एक पत्र सौंपा था। वकील ने कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेने का अनुरोध किया था।
बता दें कि वकील मोहित खन्ना के अनुरोध पर पीठ ने पहले उन्हें कहा कि आप याचिका दायर कीजिए, जिस पर कोर्ट प्रभावी आदेश दायर कर सकें। हालांकि, बाद में पीठ ने कहा कि वह इस मामले पर स्वतः संज्ञान ले रही है।
पीठ ने कहा कि इस मुद्दे पर डॉक्टरों द्वारा दिए गए कारणों को स्वीकार नहीं किया जा सकता है। अस्पतालों में डॉक्टरों द्वारा बिस्तरों, कर्मचारियों और आवश्यक दवाओं की कमी का हवाला दिया गया था।
वकील मोहित खन्ना ने अपने पत्र में 30 सितंबर से अगले 48 घंटों में नांदेड़ के डॉ शंकरराव चव्हाण सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 31 मौतों का जिक्र किया था।यह भी पढ़ेंः Nagpur Hospital Death: नांदेड़ के बाद अब नागपुर के सरकारी अस्पताल की खुली पोल, 24 घंटे में 14 मरीजों की मौत
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