Move to Jagran APP

Hanuman Chalisa Row: अदालत में पेश नहीं हुईं नवनीत राणा, मामले की सुनवाई 2 जुलाई तक स्थगित

हनुमान चालीसा विवाद (Hanuman Chalisa Row) से जुड़े मामले को लेकर भाजपा नेता नवनीत राणा खराब स्वास्थ्य का हवाला देकर बुधवार को यहां अदालत में पेश नहीं हुईं। हालांकि पूर्व सांसद के पति एवं अमरावती से विधायक रवि राणा जो इस मामले में आरोपी हैंअदालत में पेश हुए। दंपत्ति पर पुलिस कर्मियों का विरोध करने और उनके काम में बाधा डालने के आरोप के तहत मामला दर्ज किया गया है।

By Agency Edited By: Nidhi Avinash Updated: Wed, 12 Jun 2024 02:54 PM (IST)
Hero Image
अदालत में पेश नहीं हुईं नवनीत राणा (Image: ANI)
पीटीआई, मुंबई। Hanuman Chalisa Row: हनुमान चालीसा विवाद (Hanuman Chalisa Row) से जुड़े मामले को लेकर भाजपा नेता नवनीत राणा खराब स्वास्थ्य का हवाला देकर बुधवार को यहां अदालत में पेश नहीं हुईं। हालांकि, पूर्व सांसद के पति एवं अमरावती से विधायक रवि राणा अदालत में पेश हुए।

दरअसल, दंपत्ति ने बांद्रा में ठाकरे के आवास 'मातोश्री' के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ करने की योजना की घोषणा की थी जिसके बाद विवाद बढ़ता ही चला गया। 

12 जून को पेश होने का दिया था आदेश

पिछली सुनवाई में एमपी/एमएलए मामलों के विशेष न्यायाधीश आर एन रोकाडे ने राणा दंपत्ति को 12 जून को अनिवार्य रूप से उनके समक्ष उपस्थित होने का निर्देश दिया था। हालांकि, बुधवार को केवल रवि राणा ही अदालत में उपस्थित हुए। नवनीत राणा के वकील शब्बीर शोरा ने छूट याचिका दायर करते हुए कहा कि वह अस्वस्थ हैं और इसलिए अदालत में उपस्थित नहीं हो सकतीं।

2 जुलाई तक मामले को किया स्थगित

अदालत ने उनकी याचिका स्वीकार कर ली और रवि राणा की उपस्थिति दर्ज कराने के बाद मामले की सुनवाई 2 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दी। राणा दंपति ने विशेष अदालत द्वारा उनके आरोपमुक्ति आवेदन को खारिज किए जाने के खिलाफ बंबई उच्च न्यायालय में पुनरीक्षण याचिका दायर की है।

बता दें कि दंपत्ति पर भारतीय दंड संहिता की धारा 353 (लोक सेवक को उसके कर्तव्य निर्वहन से रोकने के लिए हमला या आपराधिक बल का प्रयोग) के तहत मामला दर्ज किया गया है। दंपत्ति पर पुलिस कर्मियों का विरोध करने और उनके काम में बाधा डालने का आरोप है। पुलिस उन्हें गिरफ्तार करने के लिए मुंबई के खार इलाके में उनके आवास पर पहुंची थी।

क्या था मामला

दिसंबर 2023 में कोर्ट ने उनकी डिस्चार्ज याचिका खारिज करते हुए कहा कि प्रथम दृष्टया गवाहों के बयानों के आधार पर आवेदकों के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं। इस प्रकार, आईपीसी की धारा 353 के तहत अपराध बनता है।जनवरी से लेकर अब तक इस मामले में दंपति के खिलाफ आरोप तय करने के लिए कई तारीखें तय की जा चुकी हैं। हालांकि, आरोपियों के अदालत में पेश न होने के कारण कार्यवाही आगे नहीं बढ़ पाई है।

यह भी पढ़ें: 'तो क्या पीएम मोदी करेंगे मणिपुर का दौरा' मोहन भागवत के बयान के बाद उद्धव ठाकरे ने प्रधानमंत्री से पूछा सवाल

यह भी पढ़ें: 'भारत को 2047 तक इस्लामिक देश बनाना चाहते थे...' PFI के तीन संदिग्धों पर हाईकोर्ट की बड़ी टिप्पणी

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।