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CBI raids: मुंबई के पासपोर्ट सेवा केंद्रों से जुड़े भ्रष्टाचार मामले में 1.59 करोड़ जब्त, रिश्वतखोरी गिरोह के बारे में CBI को मिली जानकारी

सीबीआई ने मुंबई और महाराष्ट्र के अन्य कई स्थानों पर पासपोर्ट सेवा केंद्रों (पीएसके) में भ्रष्टाचार की जांच के लिए छापेमारी की है। छापेमारी के बाद सीबीआई ने 32 संदिग्धों के खिलाफ 12 मामले दर्ज किए हैं। पासपोर्ट कार्यालयों से भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए यह हाल के समय का सबसे बड़ा अभियान बताया जा रहा है। यह सोमवार तक जारी रहा।

By Jagran News Edited By: Siddharth Chaurasiya Updated: Tue, 02 Jul 2024 08:11 PM (IST)
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छापेमारी के बाद सीबीआई ने 32 संदिग्धों के खिलाफ 12 मामले दर्ज किए हैं। (जागरण)
पीटीआई, नई दिल्ली। सीबीआई ने मुंबई के पासपोर्ट सेवा केंद्रों से जुड़े भ्रष्टाचार गिरोह का पर्दाफाश करते हुए 1.59 करोड़ रुपये नकद और कई डिजिटल सुबूत जब्त किए हैं। लोअर परेल और मलाड के पासपोर्ट सेवा केंद्रों (पीएसके) के 14 अधिकारियों, 18 दलालों और बिचौलियों के खिलाफ 28 जून को 12 मामले दर्ज करने के बाद सीबीआई ने मुंबई और नासिक में बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान शुरू किया था। यह सोमवार तक जारी रहा।

पासपोर्ट आवेदनों में हेरफेर के भी मामले

एक अधिकारी के अनुसार, नकदी के अलावा सीबीआई को पांच डायरी मिली हैं, जिनमें लेन-देन के विवरण और रिश्वतखोरी गिरोह के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी है। सीबीआई ने आरोप लगाया है कि भ्रष्टाचार में कई आरोपित अधिकारी और बिचौलिए संलिप्त थे। इन्होंने अधूरे दस्तावेजों के आधार पर पासपोर्ट जारी करने की अनुमति दी। पासपोर्ट आवेदकों के विवरण में हेरफेर के भी मामले सामने आया है।

संदिग्ध लेन-देन किये जाने का खुलासा

विदेश मंत्रालय और सीबीआई की सतर्कता शाखा द्वारा पासपोर्ट सेवा केंद्रों में की गई संयुक्त औचक जांच के दौरान अधिकारियों और बिचौलियों की गतिविधियों का पता चला। इसके बाद संदिग्ध अधिकारियों के कार्यालय और मोबाइल फोन को खंगाला गया। सीबीआई के एक प्रवक्ता ने प्राथमिकी दर्ज होने के बाद कहा कि संदिग्ध लोक सेवकों के दस्तावेजों, इंटरनेट मीडिया चैट और यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) आईडी गतिविधियों के विश्लेषण से पासपोर्ट सेवा केंद्रों के कुछ अधिकारियों द्वारा विभिन्न संदिग्ध लेन-देन किये जाने का पता चला।

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