'2025 तक इंतजार नहीं, मोदी जून में प्रधानमंत्री नहीं रहेंगे', शशि थरूर ने इसलिए किया ये दावा
वरिष्ठ कांग्रेस नेता शशि थरूर ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उम्र पर दिए बयान का बचाव किया है। उन्होंने कहा कि देश को सितंबर 2025 तक इंतजार करने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। चार जून के बाद नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री नहीं रहेंगे। थरूर ने यह भी कहा कि अगर विचारधारा एक है तो छोटे दलों को क्षमतावान कांग्रेस पार्टी में विलय कर लेना चाहिए।
पीटीआई, मुंबई। वरिष्ठ कांग्रेस नेता शशि थरूर ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उम्र पर दिए बयान का बचाव किया है। उन्होंने कहा कि देश को सितंबर, 2025 तक इंतजार करने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। चार जून के बाद नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री नहीं रहेंगे।
थरूर ने यह भी कहा कि अगर विचारधारा एक है तो छोटे दलों को क्षमतावान कांग्रेस पार्टी में विलय कर लेना चाहिए। थरूर ने रविवार को अरविंद केजरीवाल की टिप्पणी पर कहा कि लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद जून में केंद्र में एक नई सरकार का गठन होगा। इसलिए सितंबर, 2025 तक इंतजार करने की कोई जरूरत नहीं होगी।
मोदी गृह मंत्री अमित शाह के लिए वोट मांग रहे
उल्लेखनीय है कि एक दिन पहले ही आप नेता केजरीवाल ने दावा किया था कि मोदी गृह मंत्री अमित शाह के लिए वोट मांग रहे हैं। मोदी सितंबर, 2025 में 75 साल के होने पर शाह को ही अपना उत्तराधिकारी बनाएंगे।मोदी ने संवैधानिक पदों का स्तर गिरा दिया
तिरुअनंतपुरम से सांसद थरूर ने मुंबई में एक प्रेस कांफ्रेंस में पीएम मोदी पर आरोप लगाया कि उन्होंने संवैधानिक पदों का स्तर गिरा दिया है और उनकी ओर से इस्तेमाल की गई भाषा देश के लिए अच्छी नहीं है। उन्होंने कांग्रेस के भगवान राम के मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में शामिल नहीं होने के फैसले का समर्थन करते हुए कहा कि भगवान पर भाजपा का कॉपीराइट नहीं है। मैं मंदिरों में प्रार्थना के लिए जाता हूं, राजनीति करने नहीं। भाजपा प्राण प्रतिष्ठा समारोह का दुरुपयोग कर रही है।
भाजपा बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी की विफलता की जिम्मेदार
कांग्रेस नेता ने दावा किया कि भाजपा बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी, किसानों की आय दोगुनी करने में विफलता की जिम्मेदार है। साथ ही देश की 80 प्रतिशत आबादी की आय में कमी की है। उन्होंने कहा कि गठबंधन की राजनीति में कम सीटों पर चुनाव लड़ना पड़ता है। गठबंधन के व्यापक हित में आम राय बनाना किसी पार्टी के आगे समर्पण करना नहीं होता है। कांग्रेस महाराष्ट्र में एमवीए गठबंधन का हिस्सा है जिसमें शिवसेना (यूबीटी) और राकांपा (एसपी) शामिल हैं।उन्होंने दावा किया कि मोदी लोकतंत्र की संसदीय प्रणाली को राष्ट्रपति चुनाव प्रणाली के आधार पर चलाना चाहते हैं।ये भी पढ़ें: '56 इंच के सीने में बहस का निमंत्रण स्वीकार करने का साहस नहीं', कांग्रेस महासचिव जयराम ने मोदी पर कसा तंज
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