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IAS Pooja Khedkar: क्या पूजा खेडकर को नौकरी से धोना पड़ेगा हाथ? केंद्र सरकार का यह कदम पड़ सकता है भारी

विवादित ट्रेनी IAS अधिकारी पूजा खेडकर यदि केंद्र सरकार द्वारा गठित पैनल की जांच में दोषी पाई जाती हैं तो उन्हें बर्खास्त भी किया जा सकता है।2023 बैच की IAS अधिकारी खेडकर ट्रेनी हैं और वर्तमान में अपने गृह कैडर महाराष्ट्र में तैनात हैं। उन पर आईएएस का पद हासिल करने के लिए कथित रूप से विकलांगता और अन्य पिछड़ा वर्ग कोटा का दुरुपयोग करने का आरोप लग रहा है।

By Jagran News Edited By: Sonu Gupta Updated: Fri, 12 Jul 2024 07:14 PM (IST)
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दोषी पाए जाने पर बर्खास्त हो सकती हैं ट्रेनी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर।
राज्य ब्यूरो, मुंबई। महाराष्ट्र की विवादित ट्रेनी IAS अधिकारी पूजा खेडकर यदि केंद्र सरकार द्वारा गठित पैनल की जांच में दोषी पाई जाती हैं, तो उन्हें बर्खास्त भी किया जा सकता है। उन पर विशेषाधिकारों के कथित दुरुपयोग से लेकर आईएएस परीक्षा की चयन प्रक्रिया के दौरान कथित रूप से कई घपले करने का भी आरोप है।

दस्तावेजों की समिति करेगी जांच

सिविल सेवा परीक्षा में अपनी उम्मीदवारी सुनिश्चित करने और फिर सेवा में चयन के लिए उनके द्वारा प्रस्तुत सभी दस्तावेजों की गुरुवार को केंद्र सरकार द्वारा गठित एक सदस्यीय समिति द्वारा जांच की जाएगी। कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के अतिरिक्त सचिव मनोज कुमार द्विवेदी की एकल सदस्यीय जांच समिति को दो सप्ताह के भीतर अपनी रिपोर्ट देने को कहा गया है।

पूजा खेडकर हो सकती हैं बर्खास्त

प्रशासनिक सूत्रों का कहना है कि यदि इस जांच में  परिवीक्षाधीन अधिकारी दोषी पाई जाती हैं, तो उन्हें सेवा से बर्खास्त किया जा सकता है। जांच के दौरान यदि  पाया जाता है कि उसने तथ्यों को गलत तरीके से प्रस्तुत किया है, या अपने चयन के लिए दस्तावेजों में  हेराफेरी की है, तो उनके विरुद्ध आपराधिक आरोप भी लगाए जा सकते हैं।

क्या है आरोप?

2023 बैच की भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी खेडकर ट्रेनी हैं और वर्तमान में अपने गृह कैडर महाराष्ट्र में तैनात हैं। उन पर आईएएस का पद हासिल करने के लिए कथित रूप से विकलांगता और अन्य पिछड़ा वर्ग कोटा का दुरुपयोग करने का आरोप लग रहा है।

निजी कार पर लगाई थी लाल बत्ती

इस बीच, खेडकर ने गुरुवार को विदर्भ क्षेत्र के वाशिम जिला कलेक्टरेट में सहायक कलेक्टर के रूप में अपना नया पदभार ग्रहण कर लिया था। उनका स्थानांतरण पुणे से हुआ था, जहां उन्होंने कथित तौर पर उन अधिकारों और सुविधाओं की मांग करनी शुरू कर दी थी, जो किसी परिवीक्षाधीन अधिकारी को नहीं मिलतीं। वहां उन्होंने अपनी निजी ऑडी कार के ऊपर लाल बत्ती और महाराष्ट्र शासन की पट्टी भी लगा रखी थी।

वाशिम में किया गया था स्थानांतरित

पुणे कलेक्टरेट में उनके इस व्यवहार से तंग आकर पुणे के जिला कलेक्टर डॉ. सुहास दिवसे ने राज्य के अतिरिक्त मुख्य सचिव नितिन गद्रे को पत्र लिखकर अनुरोध किया था कि प्रशासनिक जटिलताओं से बचने के लिए खेडकर को किसी अन्य जिले में पदस्थापना देने पर विचार किया जाए। उसके बाद ही खेडकर को विदर्भ के अपेक्षाकृत छोटे जिले वाशिम में स्थानांतरित कर दिया गया था।

पुणे आरटीओ ने कार के मालिक को जारी किया नोटिस

दूसरी ओर पुणे आरटीओ ने ऑडी कार के मालिक को भी लाल बत्ती के अनाधिकृत उपयोग पर नोटिस जारी कर दिया है। आरटीओ ने पुणे स्थित एक निजी कंपनी को नोटिस जारी किया है, जो उस ऑडी कार की पंजीकृत मालिक है, जिसका इस्तेमाल पूजा खेडकर पुणे में अपनी तैनाती के दौरान अवैध रूप से लाल बत्ती लगाकर करती आई थीं।

कार पर लगाई थी महाराष्ट्र सरकार की पट्टी

उन्होंने उस पर 'महाराष्ट्र सरकार' की पट्टी भी लगा रखी थी। पुणे क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) ने गुरुवार को कंपनी के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। कंपनी को भेजी गई नोटिस में निरीक्षण के लिए उक्त वाहन तुरंत आरटीओ कार्यालय में पेश करने को कहा गया है। एक अन्य आरटीओ अधिकारी ने बताया कि ऑडी कार के खिलाफ पहले भी कई चालान जारी किए जा चुके हैं।

पुलिस ने सरकार को क्या बताया?

इस बीच नई मुंबई पुलिस ने महाराष्ट्र सरकार को बताया है कि विवादास्पद परिवीक्षाधीन आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर ने चोरी के एक मामले में गिरफ्तार एक व्यक्ति को रिहा करने के लिए डीसीपी रैंक के एक अधिकारी पर दबाव बनाने की भी कथित तौर पर कोशिश की थी। यह घटना 18 मई को पनवेल पुलिस स्टेशन में घटी थी, जहां खेडकर ने कथित तौर पर पुलिस उपायुक्त विवेक पानसरे को फोन किया था और उनसे चोरी के एक मामले में गिरफ्तार ट्रांसपोर्टर ईश्वर उत्तरवाड़े को रिहा करने का आग्रह किया था।

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