अयोध्या में बाबरी ढांचा विध्वंस के श्रेय को लेकर तकरार जारी, उद्धव और शिंदे गुट हुए एक-दूसरे पर हमलावर
संजय राउत ने भी ट्वीट करके कहा कि अब स्वयं को बालासाहब ठाकरे का समर्थक बताने वाले 40 विधायक अब क्या करेंगे। बता दें कि ढांचा गिरने के बाद शिवसेना संस्थापक बालासाहब ठाकरे ने दावा किया था कि ढांचा उनके शिवसैनिकों ने ढहाया है।
By Jagran NewsEdited By: Narender SanwariyaUpdated: Wed, 12 Apr 2023 04:31 AM (IST)
राज्य ब्यूरो, मुंबई। अयोध्या में बाबरी ढांचा विध्वंस के 30 साल पूरे हो चुके हैं। इसका श्रेय लेने की लड़ाई अभी थम नहीं रही है। महाराष्ट्र में शिवसेना का उद्धव और शिंदे गुट इसी श्रेय के लिए एक-दूसरे पर हमलावर है। सोमवार को महाराष्ट्र के वरिष्ठ मंत्री चंद्रकांत शिंदे ने एक बयान में कहा था कि छह दिसंबर 1992 को जब बजरंग दल और दुर्गा वाहिनी के कार्यकर्ता बाबरी ढांचे का विध्वंस कर रहे थे, उस समय कोई शिवसैनिक ढांचे के आसपास भी मौजूद नहीं था।
पाटिल के इस बयान से उद्धव गुट को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर हमलावर होने का मौका मिल गया। मंगलवार को उद्धव ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि जब ढांचा ढहाया जा रहा था तो चूहे अपनी बिल में छुपे हुए थे। उन्होंने मुख्यमंत्री शिंदे को चुनौती दी कि या तो वह ढांचा ढहाए जाते समय शिव सैनिकों के वहां उपस्थित न रहने की बात करने वाले मंत्री का त्यागपत्र मांगें या स्वयं अपना पद छोड़ दें।
संजय राउत ने भी ट्वीट करके कहा कि अब स्वयं को बालासाहब ठाकरे का समर्थक बताने वाले 40 विधायक (जो उद्धव का साथ छोड़कर शिंदे के साथ जा चुके हैं) अब क्या करेंगे। बता दें कि ढांचा गिरने के बाद शिवसेना संस्थापक बालासाहब ठाकरे ने दावा किया था कि ढांचा उनके शिवसैनिकों ने ढहाया है।
अहमदनगर में पत्रकारों से बात करते हुए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि वह पूछना चाहते थे कि ढांचा ढहाए जाते समय पूर्व उद्धव ठाकरे एवं संजय राउत कहां थे। ढांचा ढहाए जाने के मुकदमे में जब बालासाहब लखनऊ की अदालत में गए थे तो वहां लालकृष्ण आडवाणी, अशोक सिंहल और उमा भारती आदि भी थे।
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