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Ransomware Explained: भारतीय कंपनियों से साइबर अपराधियों ने वसूली तीन गुना फिरौती

सोफोर इंडिया और सार्क के मैनेजिंग डायरेक्टर सेल्स सुनील शर्मा ने बताया कि पिछले वर्ष के मुकाबले रैंसमवेयर से प्रभावित होने वाली कंपनियों में गिरावट आई है लेकिन अन्य देशों की तुलना में भारतीय कंपनियों के प्रभावित होने की संभावना अधिक है।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Updated: Wed, 02 Jun 2021 01:50 PM (IST)
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86% भारतीय कंपनियों का मानना है कि साइबर हमले रोक पाना उनकी आइटी टीम के बस में नहीं है।

मुंबई, आइएएनएस। भारतीय कंपनियों पर रैंसमवेयर के हमले बढ़ते जा रहे हैं। आलम यह है कि पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष अभी तक कंपनियां डाटा को अनलॉक करने के लिए फिरौती के तौर पर साइबर अपराधियों को तीन गुना रकम दे चुकी हैं। विभिन्न देशों की कंपनियों पर हो रहे रैंसमवेयर पर वैश्विक साइबर सिक्योरिटी कंपनी सोफोस ने स्टेट आफ रैंसमवेयर-2021 के नाम से रिपोर्ट बनाई है।इसके मुताबिक इस वर्ष भारत उन 30 देशों की सूची में अव्वल है, जहां कंपनियों पर सबसे ज्यादा रैंसमवेयर हमले किए गए हैं।

फिरौती के बाद भी नहीं मिलता पूरा डाटा: रिपोर्ट में कहा गया है कि कंपनियों द्वारा फिरौती देने के बाद भी उन्हें सिर्फ 75 फीसद डाटा ही वापस मिलता है। सिर्फ चार फीसद ऐसी कंपनियां हैं, जिन्हें अपना पूरा डाटा मिलता है।

सर्वे में भारत सहित 30 देशों के प्रमुख लोग : सर्वे में यूरोप, अमेरिका, एशिया- प्रशांत, मध्य एशिया, पश्चिम एशिया और अफ्रीका के 30 देशों के 5400 से अधिक लोगों को शामिल किया गया। ये सभी लोग विभिन्न कंपनियों के नीति निर्माताओं में शामिल हैं। सर्वे में भारत के 300 लोगों से विभिन्न प्रश्नों के जवाब मांगे गए।

86 फीसद कंपनियों को हमले का अंदेशा: पिछले 12 महीनों के दौरान जिन भारतीय कंपनियों पर रैंसमवेयर का हमला नहीं हुआ है, उनमें से 86 फीसद का मानना है कि भविष्य में वह इसकी जद में आ सकती हैं। ऐसी 57 फीसद कंपनियों का कहना है कि रैंसमवेयर हमलों को रोक पाना मुश्किल होता जा रहा है, क्योंकि साइबर हमले के लिए नित-नए तरीके अपनाए जा रहे हैं।

सोफोर इंडिया और सार्क के मैनेजिंग डायरेक्टर, सेल्स सुनील शर्मा ने बताया कि पिछले वर्ष के मुकाबले रैंसमवेयर से प्रभावित होने वाली कंपनियों में गिरावट आई है, लेकिन अन्य देशों की तुलना में भारतीय कंपनियों के प्रभावित होने की संभावना अधिक है। इस तरह के हमले कंपनियों के बजट को बुरी तरह प्रभावित करते हैं। 86% भारतीय कंपनियों का मानना है कि साइबर हमले रोक पाना उनकी आइटी टीम के बस में नहीं है। हालांकि, वैश्विक आंकड़ा 54 फीसद का है।

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