महाराष्ट्र के महाचाणक्य साबित हुए देवेंद्र फडणवीस, भाजपा में सिद्ध कर रहे अपनी अपरिहार्यता
2019 में उद्धव ठाकरे के अचानक पलटी मारने से खुद देवेंद्र भी ठगे से रह गए थे लेकिन वह भूले कुछ भी नहीं। बस सही समय का इंतजार करते रहे। कई बार सार्वजनिक रूप से वह बयान दे चुके हैं कि उन्हें उद्धव ठाकरे से ऐसे धोखे की उम्मीद नहीं थी। उन्हें इस धोखे का बदला लेने का अवसर मिलना शुरू हुआ 10 जून 2022 को हुए राज्यसभा चुनाव से।
By Jagran NewsEdited By: Anurag GuptaUpdated: Mon, 03 Jul 2023 05:30 AM (IST)
ओमप्रकाश तिवारी, मुंबई। पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा को राज्य की सबसे बड़ी पार्टी के रूप में स्थापित करने के बावजूद मुख्यमंत्री पद से दूर रह गए देवेंद्र फडणवीस बाद के घटनाक्रमों से न सिर्फ खुद को महाराष्ट्र का महाचाणक्य साबित करते जा रहे हैं, बल्कि भाजपा की अपनी पीढ़ी में अपनी अपरिहार्यता भी सिद्ध करते जा रहे हैं।
2019 के विधानसभा चुनाव से पहले तय था कि राज्य में भाजपा-शिवसेना गठबंधन की ही सरकार आएगी और देवेंद्र फडणवीस ही अगले मुख्यमंत्री बनेंगे। प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह जैसे केंद्रीय नेता भी अपनी सभाओं में यही घोषणा कर रहे थे।
खुद देवेंद्र का भी मराठी में दिया गया बयान 'मी पुन: येईल' (मैं फिर आ रहा हूं) काफी चर्चित हुआ था। बाद में मुख्यमंत्री नहीं बन पाने पर महाविकास आघाड़ी के नेता इसी वाक्य के कारण उनकी खिल्ली भी उड़ाते रहे थे।
जब ठगे से रह गए थे देवेंद्र फडणवीस
2019 में उद्धव ठाकरे के अचानक पलटी मारने से खुद देवेंद्र भी ठगे से रह गए थे, लेकिन वह भूले कुछ भी नहीं। बस सही समय का इंतजार करते रहे। कई बार सार्वजनिक रूप से वह बयान दे चुके हैं कि उन्हें उद्धव ठाकरे से ऐसे धोखे की उम्मीद नहीं थी। उन्हें इस धोखे का बदला लेने का अवसर मिलना शुरू हुआ 10 जून, 2022 को हुए राज्यसभा चुनाव से।
जब राज्यसभा चुनाव के मतदान के बाद देर रात शुरू हुई मतों की गिनती के परिणाम 11 जून की भोर में आए तो सत्तारूढ़ महाविकास आघाड़ी के पांवों तले की जमीन खिसक गई। जिन छोटे दलों एवं निर्दलियों के भरोसे शिवसेना अपने दूसरे उम्मीदवार संजय पवार की जीत का ख्वाब पाले बैठी थी, वे विरोधी दल भाजपा के खेमे में जा चुके थे।
यही नहीं, भाजपा के तीसरे उम्मीदवार धनंजय महाडिक को मिले मतों का वजन शिवसेना के पहले उम्मीदवार संजय राउत से भी ज्यादा था। इसलिए शिवसेना उम्मीदवार संजय पवार पर भाजपा उम्मीदवार धनंजय महाडिक का पलड़ा भारी रहा। वह कुल 41.56 वोट पाकर विजयी रहे, जबकि संजय पवार 33 मतों पर ही अटक गए थे।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।