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Ganesh Visarjan 2023: धूमधाम के साथ 10 दिवसीय गणेशोत्सव का समापन, भक्तों ने गणपति बप्पा को दी विदाई

महाराष्ट्र में दस दिवसीय गणेश महोत्सव बड़े ही धूमधाम से मनाया गया। देश की आर्थिक राजधानी कही जाने वाली मुंबई के विभिन्न पंडालों में गणेश महोत्सव की गूंज सुनाई दे रही है। एक भव्य जुलूस के साथ भक्तों ने लालबागचा राजा को विदाई दी और अगले साल उनसे वापस आने की प्रार्थना भी की। देशभर के कई राज्यों में गणेश चतुर्थी बहुत धूमधाम और उत्साह के साथ मनाई जाती है।

By AgencyEdited By: Anurag GuptaUpdated: Thu, 28 Sep 2023 05:12 PM (IST)
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ढोल-नगाड़ों के साथ गणपति बप्पा की विदाई (फोटो: रायटर)
मुंबई, एएनआई। महाराष्ट्र में दस दिवसीय गणेश महोत्सव बड़े ही धूमधाम से मनाया गया। देश की आर्थिक राजधानी कही जाने वाली मुंबई के विभिन्न पंडालों में गणेश महोत्सव की गूंज सुनाई दे रही है। बड़े ही धूम-धाम के साथ गणेश भक्त बप्पा की मूर्तियों को विसर्जित कर रहे हैं। विभिन्न गणेश मंडलों ने ढोल-नगाड़ों और गणपति बप्पा मोरया के जयकारों के साथ भगवान गणेश को विदाई दी।

एक भव्य जुलूस के साथ भक्तों ने लालबागचा राजा को विदाई दी और अगले साल उनसे फिर वापस आने की प्रार्थना भी की। देशभर के कई राज्यों में गणेश चतुर्थी बहुत धूमधाम और उत्साह के साथ मनाई जाती है।

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दस दिवसीय महोत्सव

गणेश चतुर्थी को भक्तगण भगवान गणेश के जन्म का जश्न मनाते हैं और इसे सबसे लोकप्रिय हिंदू त्योहारों में से एक माना जाता है। यह 10 दिनों तक मनाया जाता है और ऐसा माना जाता है कि स्वयं गणपति बप्पा अपनी मां देवी पार्वती के साथ इस नस्वर संसार में आते हैं और लोगों पर अपनी कृपा बरसाते हैं।

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मुंबई के लालबागचा राजा के दर्शन पाने के लिए नेताओं, अभिनेताओं का जमावड़ा लगता है। लालबागचा राजा का इतिहास भी काफी ज्यादा प्रसिद्ध है। साल 1934 में लालबागचा राजा के पंडाल को स्थापित किया गया था, जो पुतलाबाई चॉल में स्थित है। लालबाग के राजा गणपति बप्पा की मूर्ति की देखभाल कांबली परिवार आठ दशकों से कर रहा है।

सनद रहे कि गणेश चतुर्थी एक दस दिवसीय त्योहार है, जिसकी शुरुआत हिंदू कैलेंडर के माह 'भाद्रपद' के चौथे दिन होती है और इस साल यह त्योहार 19 सितंबर से शुरू हुआ और 'अनंत चतुर्दशी' पर बप्पा की विदाई के साथ समाप्त हो जाएगा।

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