Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

Mumbai: कमेटी ने खुद ही ढहाना शुरू किया मस्जिद का अवैध हिस्सा, विरोध के बाद खाली हाथ लौटी थी BMC

Dharavi Masjid मुंबई के धारावी स्थित महबूब-ए-सुब्हानिया मस्जिद में अवैध निर्माण के हिस्से को अब ट्रस्ट के सदस्यों ने ही गिराना शुरू कर दिया था। गौरतलब है कि कई बार नोटिस भेजने के बाद पिछले हफ्ते बीएमसी की टीम अवैध निर्माण गिराने के लिए पहुंची थी लेकिन स्थानीय लोगों के विरोध के बाद उसे वापस लौटना पड़ा था। जानिए क्या है पूरा मामला।

By Jagran News Edited By: Sachin Pandey Updated: Mon, 30 Sep 2024 09:00 PM (IST)
Hero Image
मस्जिद के अवैध निर्माण को मस्जिद के ट्रस्ट ने स्वयं ढहाने की पहल कर दी। (Photo- Internet Media)

राज्य ब्यूरो, मुंबई। पिछले सप्ताह धारावी की महबूब-ए-सुब्हानिया मस्जिद में हुए अवैध निर्माण को ढहाने पहुंची मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) की टीम को स्थानीय लोगों के भारी विरोध के कारण उलटे पांव वापस लौटना पड़ा था। हालांकि, अवैध निर्माण पर सरकार के सख्त रुख के कारण आज उक्त मस्जिद के अवैध निर्माण को मस्जिद के ट्रस्ट ने स्वयं ढहाने की पहल कर दी।

मुंबई के धारावी क्षेत्र में बनी महबूब-ए-सुब्हानिया मस्जिद में हुए अवैध निर्माण को लेकर बीएमसी में शिकायत की गई थी। शिकायत मिलने के बाद बीएमसी ने मस्जिद के ट्रस्टियों को कई बार नोटिस भेजकर अवैध निर्माण गिराने के निर्देश दिए। कोई असर न होता देख 21 सितंबर को बीएमसी का तोड़क दस्ता स्वयं मस्जिद के अवैध हिस्सों को ढहाने पहुंच गया था, लेकिन स्थानीय लोगों के भारी विरोध बीएमसी के वाहनों की तोड़फोड़ के कारण उसे वापस लौटना पड़ा था।

ट्रस्टियों ने दिया था आश्वासन

इधर, अवैध निर्माण पर सरकार का सख्त रुख देखते हुए मस्जिद के ट्रस्टियों ने आश्वासन दिया था कि वह स्वयं अवैध हिस्से को गिरा देंगे। यह आश्वासन देने के दसवें दिन सोमवार को ट्रस्टियों ने स्वयं मस्जिद के अवैध हिस्सों को ढहाने की शुरूआत कर दी है। मस्जिद पर बना ऊंचा गोल गुंबद अवैध बताया जा रहा है, जिसे तीन तरफ से हरा पर्दा लगाकर ट्रस्टियों ने स्वयं तुड़वाने की शुरुआत कर दी है। ट्रस्टियों ने स्वयं की जा रही तोड़क कार्रवाई पर किसी प्रकार की टिप्पणी करने से इंकार कर दिया है।

दूसरी ओर पुणे के पिंपरी-चिंचवड़ क्षेत्र में भी बीती रात पुणे महानगरपालिका ने वहां के कालेवाड़ी थेरगांव में स्थित एक मस्जिद एवं मदरसे पर भी अतिक्रमण विरोधी कार्रवाई की गई है। कालेवाड़ी में बनी यह मस्जिद 25 साल पुरानी बताई जा रही है, लेकिन कुछ वर्षों से यहां दारुल उलूम जामिया नाम से एक मदरसा भी चलाया जा रहा था। कुछ हिंदू संगठनों ने इस मस्जिद एवं मदरसे द्वारा अतिक्रमण किए जाने की शिकायत पिंपरी-चिंचवड़ महानगरपालिका से की थी।

गिराया गया मदरसे का अवैध हिस्सा

शिकायतकर्ताओं का आरोप था कि मस्जिद में मदरसा गैरकानूनी रूप से चलाया जा रहा है। महानगरपालिका के नोटिस देने के बाद यह मामला अदालत में भी गया था, लेकिन मुंबई उच्चन्यायालय ने आदेश दिया कि बिना अनुमति बनाए गए मंदिर, मस्जिद, मदरसे एवं अन्य धार्मिक स्थलों पर अतिक्रमण विरोधी कार्रवाई की जानी चाहिए।

यह आदेश मिलने के बाद महानगरपालिका ने मस्जिद और मदरसे के प्रबंधकों को स्वयं अतिक्रमण हटाने का नोटिस भेजा था। प्रबंधकों द्वारा इस नोटिस को नजरंदाज किए जाने के बाद बीती रात महानगरपालिका के तोड़क दस्ते ने पहुंचकर मस्जिद के अवैध हिस्सों को तोड़ दिया।

इस कार्रवाई में मदरसे का पूरा हिस्सा तथा मस्जिद का कुछ हिस्सा गिराया गया है। यहां भी तोड़क कार्रवाई होने की सूचना मिलने पर बड़ी संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग विरोध प्रदर्शन करने पहुंचे थे। पुलिस ने उनमें से कुछ लोगों को हिरासत में लेकर रात भर पुलिस थाने में बैठाए रखा और सुबह उन्हें छोड़ दिया गया।

लोकल न्यूज़ का भरोसेमंद साथी!जागरण लोकल ऐपडाउनलोड करें