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Maharashtra: मल्टीनेशनल कंपनी के पूर्व एमडी से ऑनलाइन जालसाजों ने की ठगी, वसूले 4.8 करोड़ रुपये

एक बहुराष्ट्रीय कंपनी के 67 वर्षीय पूर्व प्रबंध निदेशक को ऑनलाइन धोखेबाजों ने कथित तौर पर 4.80 करोड़ रुपये का चूना लगाया है जिन्होंने उन पर मादक पदार्थों की तस्करी में शामिल होने का आरोप लगाया और उनके खिलाफ पुलिस कार्रवाई की धमकी दी। इसकी जानकारी ठाणे अपराध शाखा के एक अधिकारी ने दी। ठाणे पुलिस की साइबर सेल ने तीन लोगों के खिलाफ शनिवार को प्राथमिकी दर्ज की थी।

By Jagran News Edited By: Versha Singh Updated: Tue, 05 Mar 2024 10:52 AM (IST)
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Maharashtra: मल्टीनेशनल कंपनी के पूर्व एमडी से ऑनलाइन जालसाजों ने की ठगी
पीटीआई, ठाणे। महाराष्ट्र के ठाणे से ऑनलाइन धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। मिली जानकारी के अनुसार, एक बहुराष्ट्रीय कंपनी के 67 वर्षीय पूर्व प्रबंध निदेशक को ऑनलाइन धोखेबाजों ने कथित तौर पर 4.80 करोड़ रुपये का चूना लगाया है, जिन्होंने उन पर मादक पदार्थों की तस्करी में शामिल होने का आरोप लगाया और उनके खिलाफ पुलिस कार्रवाई की धमकी दी। इसकी जानकारी ठाणे अपराध शाखा के एक अधिकारी ने दी।

उन्होंने सोमवार को बताया कि इस संबंध में ठाणे पुलिस की साइबर सेल ने तीन लोगों के खिलाफ शनिवार को प्राथमिकी दर्ज की थी।

पुलिस ने कहा कि जालसाजों ने खुद को केंद्रीय एजेंसियों के अधिकारियों के रूप में पेश किया, पीड़ित से उसके गोपनीय बैंक विवरण निवलवाए और पैसे उड़ा लिए।

अधिकारी ने कहा, पीड़ित को हाल ही में आरोपी का फोन आया, जिसने दावा किया कि उसने ताइवान के रास्ते में एक प्रमुख कूरियर कंपनी के सीमा शुल्क कार्यालय में एक पार्सल रोका है, जिसमें एमडीएमए, नौ समाप्त हो चुके पासपोर्ट और क्रेडिट कार्ड सहित कुछ प्रतिबंधित सामग्री थी।

शिकायत का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने पीड़ित को बताया कि उनके पास आधार कार्ड नंबर सहित उसकी निजी जानकारी है, ताकि उसे विश्वास हो जाए कि वह जांच के दायरे में है।

अधिकारी ने कहा, उन्होंने पीड़ित को पड़ोसी मुंबई के अंधेरी पुलिस स्टेशन में उसके खिलाफ दर्ज एक कथित मामले की भी जानकारी दी, जिसमें उसे मनी लॉन्ड्रिंग और ड्रग तस्करी की रोकथाम के प्रावधानों के तहत गिरफ्तारी वारंट और कानूनी परिणाम भुगतने की धमकी दी गई।

उन्होंने कहा, आरोपी ने पीड़ित को एक वीडियो कॉलिंग एप्लिकेशन डाउनलोड करने का निर्देश दिया और उसे आश्वासन दिया कि एक अधिकारी मामले की जांच करेगा।

जांच की आड़ में जालसाजों ने फर्जी लोगो के साथ खुद को केंद्रीय एजेंसियों का अधिकारी बताकर उसे दोषमुक्त कराने का आश्वासन दिया।

अधिकारी ने कहा, घोटालेबाजों ने पीड़ित को उसके बैंक खाते के विवरण, डेबिट कार्ड नंबर और सीवीवी सहित संवेदनशील जानकारी साझा करने के लिए मजबूर किया। उन्होंने बताया कि पीड़ित ने उनके साथ पुणे और मुरबाड (ठाणे जिले में) में अपनी संपत्ति के लेनदेन का विवरण भी साझा किया।

उन्होंने पीड़ित को आगे की कार्यवाही के लिए वीडियो कॉल के दौरान कैमरा चालू रखने का निर्देश दिया। अगले दिन, उन्होंने उनके व्यक्तिगत विवरण मांगे और उन पर अवैध लेनदेन में शामिल होने का आरोप लगाया, यह दावा करते हुए कि आरबीआई और एक निजी बैंक को भी उनकी गतिविधियों पर संदेह था।

आरोपी ने उससे अपनी पत्नी के खाते में 1 करोड़ रुपये ट्रांसफर करने के लिए भी कहा, जो उसने किया। अधिकारी ने कहा, हालांकि, बाद में जब पीड़ित ने यूके स्थित अपने बेटे से सलाह ली, तो उसे एहसास हुआ कि उसे धोखा दिया गया है।

उन्होंने बताया कि जांच के दौरान पता चला कि पीड़ित के खाते से 4.80 करोड़ रुपये निकाले गए।

पुलिस ने बताया कि पीड़िता की शिकायत के आधार पर आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।

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