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Maharashtra Politics: शिवसेना उद्धव गुट के हलफनामों पर धोखाधड़ी की FIR, शिंदे गुट का दावा 'फर्जी' हलफनामे

Maharashtra Politics मुंबई पुलिस ने उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले शिवसेना गुट के समर्थन में तैयार किए जा रहे 4500 से अधिक हलफनामे बरामद करने के बाद धोखाधड़ी और जालसाजी के आरोप में अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है।

By AgencyEdited By: Sachin Kumar MishraUpdated: Sun, 09 Oct 2022 04:33 PM (IST)
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शिवसेना उद्धव गुट के हलफनामों पर धोखाधड़ी की FIR; शिंदे गुट का दावा 'फर्जी' हलफनामे। फाइल फोटो

मुंबई, एजेंसी। Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में मुंबई पुलिस ने उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) के नेतृत्व वाले शिवसेना (Shivsena) गुट के समर्थन में तैयार किए जा रहे 4500 से अधिक हलफनामे बरामद करने के बाद धोखाधड़ी और जालसाजी के आरोप में अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। एक अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी।

शिंदे गुट का दावा, पुलिस ने 4682 फर्जी हलफनामे पाए 

प्रेट्र के मुताबिक, ठाणे के पूर्व महापौर नरेश म्हस्के, जो महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले शिवसेना गुट के प्रवक्ता हैं, ने एक वीडियो संदेश में दावा किया कि मुंबई पुलिस ने 4682 फर्जी हलफनामे पाए हैं। एक शिकायत के आधार पर अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया है। उन्होंने पार्टी के चुनाव चिह्न पर एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) गुट के साथ विवाद के मद्देनजर चुनाव आयोग के समक्ष हलफनामा प्रस्तुत करने के लिए कथित कदाचार पर ठाकरे के नेतृत्व वाले गुट की आलोचना की। उन्होंने कहा कि मेरा आरोप है कि शिवसैनिकों के झूठे और फर्जी हलफनामे चुनाव आयोग के समक्ष दाखिल करने के लिए तैयार किए गए थे। म्हास्के ने दावा किया कि यह सब मातोश्री के मार्गदर्शन में हो रहा था। मातोश्री उपनगरीय बांद्रा में पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का निजी आवास है।

हलफनामे पर नोटरी की मुहर लगाते पाया

एक पुलिस अधिकारी के अनुसार, शनिवार को यहां के निर्मल नगर पुलिस स्टेशन में भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी) और 465 (जालसाजी) के तहत मामला दर्ज किया गया था। प्राथमिकी में कहा गया है कि शिकायतकर्ता बांद्रा की एक अदालत में गया था और दो व्यक्तियों को हलफनामे पर नोटरी की मुहर लगाते हुए पाया। पुलिस ने सभी हलफनामे जब्त कर अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। निर्मल नगर थाने के एक अधिकारी के मुताबिक, शपथ पत्र बनवाने वाले व्यक्ति को नोटरी के सामने शारीरिक रूप से उपस्थित रहने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इस मामले में जिन लोगों के नाम से हलफनामा तैयार किया जा रहा था, वे वहां मौजूद नहीं थे।

हलफनामों का होगा सत्यापन

उन्होंने कहा कि पुलिस उन लोगों को बुलाएगी और सत्यापित करेगी कि क्या उन्होंने ठाकरे गुट के समर्थन में हलफनामे तैयार करवाए थे, और क्या उन्हें अपने नाम से तैयार किए गए हलफनामों के बारे में कोई जानकारी थी। उन्होंने कहा कि पुलिस यह भी सत्यापित करेगी कि क्या इन समर्थकों ने अपनी ओर से इन हलफनामों को तैयार करने और नोटरी करने के लिए किसी को नामित किया था। मामले की जांच जारी है। इस बीच, म्हास्के ने मांग की कि चुनाव आयोग को ठाकरे के नेतृत्व वाले गुट द्वारा अब तक सौंपे गए हलफनामों की जांच की जाए।

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