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बुलेट ट्रेन के लिए पहली पर्वतीय सुरंग तैयार, 10 महीने में बनकर तैयार हुई 350 मीटर लंबी टनल

बुलेट ट्रेन परियोजना का काम तेजी से आगे बढ़ रहा है। नेशनल हाई स्पीड रेल कार्पोरेशन लिमिटेड (एनएचएसआरसीएल) ने बुलेट ट्रेन के निर्माण में एक बड़े लक्ष्य को पूरा करते हुए पहली पर्वतीय सुरंग (माउंटेन टनल) को बना लिया है। एनएचएसआरसीएल ने कहा कि न्यू आस्टि्रयाई टनलिंग विधि (एनएटीएम) का उपयोग करके यह माउंटेन टनल 10 महीने में बनाई गई।

By AgencyEdited By: Ashisha Singh RajputPublished: Thu, 05 Oct 2023 09:22 PM (IST)Updated: Thu, 05 Oct 2023 10:15 PM (IST)
यह सुरंग मुंबई और अहमदाबाद को जोड़ेगी।

पीटीआई, मुंबई। बुलेट ट्रेन परियोजना का काम तेजी से आगे बढ़ रहा है। नेशनल हाई स्पीड रेल कार्पोरेशन लिमिटेड (एनएचएसआरसीएल) ने बुलेट ट्रेन के निर्माण में एक बड़े लक्ष्य को पूरा करते हुए पहली पर्वतीय सुरंग (माउंटेन टनल) को बना लिया है। एनएचएसआरसीएल ने कहा कि न्यू आस्टि्रयाई टनलिंग विधि (एनएटीएम) का उपयोग करके यह माउंटेन टनल 10 महीने में बनाई गई।

मुंबई से अहमबाद के सफर 127 मिनट में होगा पूरा

इसे गुजरात के वलसाड में उमरगांव तालुका के जारोली गांव से लगभग एक किलोमीटर दूर बनाया गया है। 320 किलोमीटर की गति से चलने वाली बुलेट ट्रेन इसी टनल से गुजरते हुए मुंबई और अहमदाबाद को जोड़ेगी। बुलेट ट्रेन मुंबई से अहमबाद के सफर को 127 मिनट में पूरा करेगी। बुलेट ट्रेन की इस पहली पर्वतीय सुरंग की कुल लंबाई 350 मीटर है।

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सुरंग की कुल ऊंचाई 10.25 मीटर है

इस सुरंग का कुल व्यास 12.6 मीटर है। सुरंग की कुल ऊंचाई 10.25 मीटर है जब इस टनल का आकार सिंगल ट्यूब हार्स (शू आकार) के जैसा है। इस टनल में बुलेट ट्रेन के दो ट्रैक होंगे। यह सुरंग मुंबई और अहमदाबाद को जोड़ेगी। बुलेट ट्रेन इसी सुरंग से होकर दोनों बार गुजरेगी। एनएचएसआरसीएल के अनुसार मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना (एमएएचएसआर कारिडोर) में कुल सात पर्वतीय सुरंगें होंगी। इन सभी का निर्माण एनएटीएम विधि का उपयोग करके किया जाएगा। दिल्ली मेट्रो समेत दूसरी मेट्रो में सुरंग का निर्माण इसी विधि से किया गया है।

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