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'किसी की कमजोरी की वजह से गुलाम जम्मू-कश्मीर हमसे दूर हो गया', विदेश मंत्री ने कांग्रेस पर साधा निशाना

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू और कांग्रेस पर परोक्ष रूप से कटाक्ष किया है। गुलाम जम्मू-कश्मीर भारत का हिस्सा है और किसी की कमजोरी या गलती के कारण यह अस्थायी रूप से हमसे दूर हो गया है। जयशंकर ने महाराष्ट्र के नासिक में गुरुवार को आयोजिक बंगबंधु भारत नामक एक कार्यक्रम में ये टिप्पणी की है।

By Jagran News Edited By: Abhinav Atrey Published: Thu, 16 May 2024 11:45 PM (IST)Updated: Thu, 16 May 2024 11:45 PM (IST)
भारत को अपनी स्थिति को मजबूती से आगे बढ़ाने की जरूरत- एस जयशंकर (फाइल फोटो)

एएनआई, नासिक। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू और कांग्रेस पर परोक्ष रूप से कटाक्ष किया है। गुलाम जम्मू-कश्मीर भारत का हिस्सा है और किसी की कमजोरी या गलती के कारण यह अस्थायी रूप से हमसे दूर हो गया है। जयशंकर ने महाराष्ट्र के नासिक में गुरुवार को आयोजिक बंगबंधु भारत नामक एक कार्यक्रम में ये टिप्पणी की है।

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने प्रसिद्ध कालाराम मंदिर में पूजा-अर्चना भी की। यह पूछे जाने पर कि यदि भारत 'लक्ष्मण रेखा' को पार करता है और गुलाम जम्मू-कश्मीर को भारत में मिलाता है तो चीन की प्रतिक्रिया क्या होगी, यह देखते हुए कि चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा पाकिस्तान के कब्जे वाले गिलगित बाल्टिस्तान से होकर गुजरता है।

लक्ष्मण रेखा जैसी कोई चीज नहीं- जयशंकर

विदेश मंत्री ने कहा कि मुझे विश्वास नहीं है कि 'लक्ष्मण रेखा' जैसी कोई चीज है। गुलाम कश्मीर फिर से हासिल करने के संसदीय प्रस्ताव की पुष्टि करते हुए जयशंकर ने क्षेत्र में चीन की भागीदारी के ऐतिहासिक संदर्भ पर प्रकाश डाला और कहा कि न तो पाकिस्तान और न ही उसका पड़ोसी देश गुलाम जम्मू-कश्मीर पर अपनी संप्रभुता का दावा कर सकता है क्योंकि इस क्षेत्र पर भारत का दावा वैधानिक है।

जमीन पर पाकिस्तान-चीन दावा नहीं कर सकते

विदेश मंत्री ने कहा कि मैं चीन का राजदूत था। हम सभी चीन की पिछली हरकतों और पाकिस्तान के साथ मिलकर उसके काम करने के बारे में जानते हैं। ये उसका पुराना इतिहास है। हमने उनसे बार-बार कहा है कि इस जमीन पर न तो पाकिस्तान और न ही चीन अपना दावा कर सकता है। उस जमीन पर अगर कोई संप्रभु दावेदार है, तो वह भारत है। आपने कब्जा कर रखा है, आप वहां निर्माण कर रहे हैं, लेकिन उस भूभाग पर कानूनी स्वामित्व और अधिकार हमारा है।

पाक ने पांच हजार वर्ग किलोमीटर हिस्सा चीन को सौंप

पाकिस्तान और चीन के बीच 1963 के समझौते का हवाला देते हुए, जयशंकर ने कहा कि इस्लामाबाद ने दोस्ती के संकेत के रूप में गुलाम जम्मू-कश्मीर का लगभग पांच हजार वर्ग किलोमीटर हिस्सा चीन को सौंप दिया, लेकिन उस समझौते में कहा गया है कि चीन अंतत: पाकिस्तान या भारत के क्षेत्रीय दावों का सम्मान करेगा।

भारत को अपनी स्थिति को मजबूती से आगे बढ़ाने की जरूरत

क्षेत्र में बदलते राजनीतिक परिदृश्य की ओर संकेत करते हुए जयशंकर ने कहा कि भारत को गुलाम जम्मू-कश्मीर में अपनी स्थिति को मजबूती से आगे बढ़ाने की जरूरत है। हमें खुद पर भरोसा रखने की जरूरत है। दस साल पहले, आपमें से कोई भी इस तरह बात नहीं कर सकता था, लेकिन आज ये बातें हो रही हैं। यह एक बदलाव है। भारतीय जनता को भी अब इस पर भरोसा है।

एस जयशंकर ने कनाडा को दी कड़ी चेतावनी

खालिस्तानी समर्थकों को शरण देने के लिए कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो सरकार पर निशाना साधते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को कहा कि दोनों देशों के बीच संबंधों में और गिरावट से कनाडा को बड़ा नुकसान होगा। विदेश मंत्री ने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता ¨हसा की वकालत करने की स्वतंत्रता नहीं हो सकती, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता किसी देश में अलगाववाद और आतंकवाद का समर्थन करने की स्वतंत्रता नहीं हो सकती।

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