माओवादी लिंक मामले में DU के पूर्व प्रोफेसर जीएन साईबाबा बरी, Bombay HC ने सुनाया फैसला
बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay Highcourt) ने दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) के पूर्व प्रोफेसर जीएन साईबाबा ( GN Saibaba) को माओवादी लिंक मामले ( Maoist links case) में बरी कर दिया है। व्हील चेयर के सहारे चलने वाले साईंबाबा इस समय नागपुर सेंट्रल जेल में बंद हैं।
By AgencyEdited By: Babita KashyapUpdated: Fri, 14 Oct 2022 11:39 AM (IST)
मुंबई, एजेंसी। दिल्ली विश्वविद्यालय (Delhi University) के पूर्व प्रोफेसर जीएन साईंबाबा (GN Saibaba) को माओवादी लिंक मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay Highcourt) ने शुक्रवार को बरी कर दिया है। इसके साथ ही कोर्ट ने उन्हें तुरंत जेल से रिहा करने का आदेश भी दिया है।
समाचार एजेंसी पीटीआइ के अनुसार, न्यायमूर्ति रोहित देव और अनिल पानसरे की खंडपीठ ने साईंबाबा द्वारा दायर अपील को निचली अदालत के 2017 के आदेश को चुनौती देने और उन्हें आजीवन कारावास की सजा देने की अनुमति दी।
नागपुर सेंट्रल जेल में बंद हैं साईंबाबा
बता दें कि शारीरिक अक्षमता की वजह से व्हील चेयर के सहारे चलने वाले साईंबाबा इस समय नागपुर सेंट्रल जेल में बंद हैं। पीठ ने अन्य दोषियों की अपील को भी स्वीकार कर उन्हें बरी कर दिया है। इन पांच में से एक की अपील की सुनवाई लंबित रहने के दौरान ही मृत्यु हो गई। पीठ ने दोषियों को तत्काल जेल से रिहा करने का निर्देश दिया, जब तक कि वह अन्य किसी और मामले में आरोपित न हों।जानें क्या है मामला
महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले की एक सत्र अदालत ने मार्च 2017 में साईंबाबा और एक पत्रकार और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) के छात्र समेत अन्य को कथित माओवादी लिंक और देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने की गतिविधियों में सम्मिलित होने के लिए दोषी माना था।साईंबाबा और अन्य को कड़े गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के विभिन्न प्रावधानों के तहत अदालत ने उन्हें दोषी करार दिया था।
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