MLA Vinayak Mete death: महाराष्ट्र के पूर्व विधायक विनायक मेटे का सड़क हादसे में निधन, पुणे एक्सप्रेस-वे पर हुआ हादसा
MLA Vinayak Mete death महाराष्ट्र से तीन बार विधायक रहे विनायक मेटे की पुणे एक्सप्रेस-वे पर हुए एक सड़क हादसे में मौत हो गई। हादसे में उनके सिर पर गंभीर चोट लगने के कारण उनकी मौत हो गई। पूर्व विधायक बीड से मुंबई जा रहे थे।
By Babita KashyapEdited By: Updated: Sun, 14 Aug 2022 09:09 AM (IST)
मुंबई, मुंबई ब्यूरो। MLA Vinayak Mete death: महाराष्ट्र के एक प्रमुख मराठा नेता विनायक मेटे का रविवार सुबह एक सड़क दुर्घटना में निधन हो गया। पांच बार विधान परिषद के सदस्य रहे मेटे शिवसंग्राम पक्ष ((Shiv Sangram Party) के अध्यक्ष थे।
वह मुंबई में समुद्र के अंदर बनने वाले शिव स्मारक समिति (Shiv Smarak smiti) के भी अध्यक्ष थे। विनायक मेटे बीड जिले के राजेगांव के निवासी थे।
जानकारी के मुताबिक हादसे में विनायक मेटे के सिर में चोट आई, उन्हें पास के एमजीएम अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन वहां उनकी मौत हो गई। मेटे तीन बार विधायक रह चुके हैं।
बैठक में हिस्सा लेने आ रहे थे मुंबई रविवार को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे द्वारा मराठा आरक्षण के संदर्भ में बुलाई गई एक महत्त्वपूर्ण बैठक में हिस्सा लेने के लिए वह रात में ही बीड से मुंबई के लिए रवाना हुए थे। सुबह 5.30 बजे मुंबई-पुणे एक्सप्रेस वे पर उनकी कार को एक ट्रक ने ओवरटेक किया, जिसके कारण कार चालक संतुलन खो बैठा और यह दुर्घटना हो गई।
हादसे के बाद नहीं मिली मदद दुर्घटना में कार चालक एवं उनके एक सहयोगी एकनाथ कदम भी घायल हुए हैं। कदम के अनुसार दुर्घटना के बाद करीब एक घंटे तक विनायक मेटे को कोई मदद नहीं मिल सकी थी। काफी देर तक सभी घायल सड़क पर ही लेटे थे। आने-जाने वाले वाहनों को हाथ देते रहे। लेकिन कोई रुका नहीं।करीब एक घंटे बाद एंबुलेंस आ सकी, तब विनायक मेटे को करीब 80 किलोमीटर दूर नई मुंबई के एमजीएम अस्पताल तक लाया जा सका। लेकिन तब तक उनका निधन हो चुका था।
मराठा समाज को झटका ताजा मिली जानकारी के अनुसार पूर्व विधायक बीड से मुंबई जा रहे थे। लेकिन सुबह करीब 5:30 बजे वो हादसे का शिकार हो गए। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) भी अस्पताल के लिए रवाना हो चुके हैं।वे गोपीनाथ मुंडे के बेहद करीबी माने जाते हैं। वह एनसीपी के समर्थक थे। 2014 में विधानसभा चुनाव के दौरान उन्होंने भाजपा से भी हाथ मिलाया था। मराठा समाज के लिए वह काफी काम करते थे। उनके निधन से मराठा समाज को बड़ा झटका लगा है।
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