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Mumbai News: मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह को मिली बड़ी राहत, CBI ने अदालत में क्लोजर रिपोर्ट की पेश

Parambir Singh केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने पर्याप्त सबूतों की कमी का हवाला देते हुए मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परम बीर सिंह और अन्य के खिलाफ कथित जबरन वसूली के मामले में दर्ज मामले को बंद करने की मांग की है। एजेंसी ने 18 जनवरी को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ठाणे के समक्ष एक क्लोजर रिपोर्ट प्रस्तुत की। अदालत फरवरी में रिपोर्ट पर विचार कर सकती है।

By Agency Edited By: Babli Kumari Updated: Tue, 30 Jan 2024 02:37 PM (IST)
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मुंबई के पूर्व शीर्ष पुलिस अधिकारी परम बीर सिंह (फाइल फोटो)
पीटीआई, ठाणे। सीबीआइ ने पर्याप्त सुबूतों के अभाव में मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परम बीर सिंह और अन्य के खिलाफ दर्ज जबरन वसूली के मामले को बंद करने के संबंध में रिपोर्ट पेश की है। जांच एजेंसी ने 18 जनवरी को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ठाणे के समक्ष एक क्लोजर रिपोर्ट पेश की।

अदालत इस पर फरवरी में विचार कर सकती है। सीबीआइ ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि मामले में तथ्य और परिस्थितियां आरोपों को साबित नहीं करतीं। क्लोजर रिपोर्ट में कहा गया है कि 2016-2017 के दौरान हुई घटना के बारे में शिकायत 2021 में कराई गई। इस समय तक वे सुबूत उपलब्ध नहीं थे जो सच्चाई को साबित करते।

स्थानीय व्यवसायी शरद अग्रवाल ने जुलाई 2021 में ठाणे के कोपरी पुलिस थाने में मामला दर्ज कराया था। उन्होंने दावा किया था कि सिंह और कुछ रियल एस्टेट डेवलपर समेत अन्य आरोपितों ने उनकी जमीन हड़पने के लिए उन्हें धमकी दी थी और जबरन दो करोड़ रुपये उगाह लिए थे।

'शिकायतकर्ता के आरोप साबित करने के लिए नहीं मिले कोई सुबूत' 

बाद में मामला जांच के लिए सीबीआइ को सौंप दिया गया। एजेंसी ने अपनी क्लोजर रिपोर्ट में कहा है कि उसने शिकायतकर्ता द्वारा लगाए गए आरोपों की सत्यता को परखा और पाया कि साक्ष्य का अभाव है। रिपोर्ट में कहा गया है कि शिकायतकर्ता ने जो दावे किये उसे साबित करने के लिए कोई भी सुबूत नहीं हैं। जांच एजेंसी ने कहा कि अग्रवाल ने बिना किसी दबाव के स्वेच्छा से अपनी जमीन देने का समझौता किया था। शिकायतकर्ता के आरोप साबित करने के लिए कोई सुबूत नहीं मिले।

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