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Mumbai Serial Blast: गैंगस्टर अबू सलेम को नासिक जेल में किया गया स्थानांतरित, मुंबई बम ब्लास्ट मामले में मिली थी आजीवन कारावास की सजा

गैंगस्टर अबू सलेम को गुरुवार को नवी मुंबई की तलोजा जेल से निकालकर कड़ी पुलिस सुरक्षा के बीच नासिक की सेंट्रल जेल में स्थानांतरित किया गया है। बता दें कि सलेम 1993 के सिलसिलेवार बम धमाकों के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है। इसके अलावा सलेम को मुंबई स्थित बिल्डर प्रदीप जैन की हत्या मामले में भी आजीवन कारावास की सजा मिली थी।

By Jagran News Edited By: Versha Singh Updated: Thu, 04 Jul 2024 03:05 PM (IST)
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गैंगस्टर अबू सलेम को भेजा गया नासिक जेल (फाइल फोटो)
पीटीआई, ठाणे। 1993 के सिलसिलेवार बम धमाकों के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे गैंगस्टर अबू सलेम को गुरुवार को नवी मुंबई की तलोजा जेल से निकालकर कड़ी पुलिस सुरक्षा के बीच नासिक की सेंट्रल जेल में स्थानांतरित किया गया है। एक अधिकारी ने बताया कि सलेम को सुबह 11.30 बजे एक वाहन में तलोजा जेल से बाहर ले जाया गया।

2005 में पुर्तगाल से प्रत्यर्पित किये गये सलेम को 1993 के मुंबई सिलसिलेवार बम विस्फोट मामले में उसकी भूमिका के लिए दोषी ठहराया गया और 2017 में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई।

उन्हें तलोजा जेल में रखा गया था, लेकिन जेल अधिकारियों ने विशेष अदालत के समक्ष कहा था कि उन्हें नासिक केंद्रीय कारागार में स्थानांतरित किया जाना चाहिए, क्योंकि तलोजा जेल के अंदर उच्च सुरक्षा वाली कोठरी की हालत खस्ता है और उसे तुरंत मरम्मत की आवश्यकता है।

सलेम ने विशेष अदालत के आदेश को दी थी चुनौती

सलेम ने विशेष अदालत के आदेश को चुनौती देते हुए बॉम्बे उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था, जिसने पिछले महीने तलोजा जेल से नासिक केंद्रीय कारागार में उसके स्थानांतरण के खिलाफ उसके आवेदन को खारिज कर दिया था, जिसमें उसकी जान को खतरा होने का दावा किया गया था।

सलेम ने दावा किया कि उसे तलोजा जेल से बाहर स्थानांतरित करने का निर्णय, जहां वह 1993 के मुंबई सिलसिलेवार बम विस्फोट मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है, उसे मारने की एक "साजिश" थी, क्योंकि उसके कुछ महीनों में रिहा होने की संभावना है।

गौरतलब है कि बुधवार को जब सलेम की याचिका न्यायमूर्ति ए एस गडकरी और नीला गोखले की खंडपीठ के समक्ष सुनवाई के लिए आई तो पीठ ने बिना कोई कारण बताए सुनवाई से खुद को अलग कर लिया। वहीं, अब याचिका को दूसरी खंडपीठ के समक्ष रखा जाएगा।

कड़ी सुरक्षा के बीच किया जा रहा सलेम को स्थानांतरित

नवी मुंबई पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने सलेम को गुरुवार को तलोजा जेल से बाहर निकाला और कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच उसे एक वाहन से नासिक स्थानांतरित किया जा रहा है।

उन्होंने कहा, चूंकि सलेम एक हाई-प्रोफाइल कैदी है, इसलिए सलेम को तलोजा से नासिक तक सुरक्षित पहुंचाने के लिए हर एहतियात बरती गई है।

पुलिस टीम में एक इंस्पेक्टर, कमांडो और जेल विभाग के पुलिस कर्मचारी शामिल हैं। ठाणे और नासिक दोनों जिलों के शहरी और ग्रामीण इलाकों समेत पूरे रास्ते पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।

सूत्रों ने बताया कि जिस वाहन में उसे ले जाया जा रहा है, उसमें सीसीटीवी कैमरे भी लगे हैं।

उच्च न्यायालय में दायर अपनी याचिका में सलेम ने कहा कि तलोजा जेल उसके लिए बहुत सुरक्षित है तथा उसने आशंका व्यक्त की है कि अन्य जेलों में बंद प्रतिद्वंद्वी गिरोहों के सदस्य उस पर हमला कर सकते हैं। गैंगस्टर ने कहा कि इस स्तर पर स्थानांतरण करना अनुचित था।

सलेम ने दिया ये तर्क

सलेम ने कहा कि वह वर्तमान में दिल्ली में दो मामलों में मुकदमों का सामना कर रहा है और उसे राष्ट्रीय राजधानी की यात्रा करनी पड़ती है। याचिका में कहा गया है कि उसे किसी अन्य जेल में स्थानांतरित करने से उसकी दिल्ली यात्रा प्रभावित होगी, जिससे उसके खिलाफ मुकदमों में देरी हो सकती है।

सलेम ने तर्क दिया कि उसे तलोजा सुविधा के अंदर किसी अन्य बैरक या सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरित किया जा सकता है, जो बहुत विशाल है और इसके लिए व्यवस्था की जा सकती है।

1993 बम विस्फोट मामले के अलावा, सलेम को मुंबई स्थित बिल्डर प्रदीप जैन की हत्या के लिए 2015 में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी।

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