एकनाथ शिंदे को मिला बालासाहेब ठाकरे के पोते निहार का साथ, अंधेरी उपचुनाव में शिंदे गुट के लिए करेंगे प्रचार
बालासाहेब ठाकरे के पोते निहार ठाकरे का कहना है कि एकनाथ शिंदे उनके दिवंगत दादा की विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं इसलिए वह उन्हें ही अपना समर्थन देंगे। वह अंधेरी ईस्ट विधानसभा उपचुनाव के साथ-साथ मुंबई नगर निकाय चुनावों के लिए भी शिंदे खेमे की तरफ से प्रचार करेंगे।
By Arijita SenEdited By: Updated: Sun, 16 Oct 2022 02:31 PM (IST)
मुंबई, मिड डे। शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे के पोते निहार ठाकरे ने कहा है कि वह पार्टी में एकनाथ शिंदे गुट का समर्थन करते हैं और इसी के साथ वह अंधेरी ईस्ट विधानसभा उपचुनाव के साथ-साथ मुंबई नगर निकाय चुनावों के लिए शिंदे खेमे की तरफ से प्रचार करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री शिंदे के नेतृत्व वाले शिवसेना धड़े द्वारा समर्थित भाजपा ने मुंबई अंधेरी ईस्ट विधानसभा सीट पर 3 नवंबर को होने वाले उपचुनाव में उद्धव गुट के उम्मीदवार ऋतुजा लटके के खिलाफ मुर्जी पटेल को मैदान में उतारा है। इस साल जून में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र की पिछली सरकार से विद्रोह कर शिंदे गुट के अलग होने के बाद राज्य में इस चुनावी मुकाबले को काफी अहम माना जा रहा है।
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निहार हैं शिंदे की कानूनी टीम का हिस्सा
बालासाहेब ठाकरे के तीनों बेटों में से सबसे बड़े बिंदुमाधव ठाकरे के बेटे निहार पेशे से एक वकील हैं। इसी के साथ महाराष्ट्र की सियासत में असली और नकली शिवसेना को लेकर एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे के बीच जारी जंग पर सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई में वह शिंदे की कानूनी टीम का हिस्सा भी हैं। निहार ने पीटीआइ को कहा कि शिंदे बालासाहेब ठाकरे की विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं इसलिए वह उनके समर्थन में हैं।
दादा परिवार को बांधकर रखते थे: निहार
दशहरे के मौके पर जब निहार के चाचा और उनके चचेरे भाई मुंबई के शिवाजी पार्क में एक रैली को संबोधित कर रहे थे, तब निहार MMRDA मैदान में आयोजित एक अलग कार्यक्रम में शिंदे के साथ उपस्थित थे। इस मंच पर उद्धव के बड़े भाई जयदेव और उनकी पूर्व पत्नी स्मिता भी मौजूद थीं।इससे कहीं न कहीं यह पता चलता है कि उद्धव ठाकरे और उनके बेटे के छोड़कर परिवार के सभी सदस्य शिंदे के समर्थन में हैं। हालांकि, निहार परिवार के सदस्यों के बीच आई इस दरार पर टिप्पणी करने से इंकार करते हुए बस इतना कहते हैं कि बाल ठाकरे ही वह कड़ी थी, जो परिवार के सभी लोगों को एक साथ बांधकर रखते थे।
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