Maharashtra Bypoll: बांबे हाई कोर्ट ने बीएमसी को ऋतुजा का त्यागपत्र स्वीकार करने का दिया निर्देश
Maharashtra Bypoll बांबे हाई कोर्ट ने बीएमसी से शिवसेना उद्धव गुट से उपचुनाव की प्रत्याशी बनने जा रहीं ऋतुजा लटके का इस्तीफा स्वीकार करने के निर्देश दिए हैं। ऋतुजा मुंबई महानगरपालिका की कर्मचारी हैं। उद्धव मुंबई के अंधेरी पूर्व विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव में उन्हें अपना प्रत्याशी बनाना चाहते हैं।
By AgencyEdited By: Sachin Kumar MishraUpdated: Thu, 13 Oct 2022 07:42 PM (IST)
मुंबई, राज्य ब्यूरो। Maharashtra Bypoll: महाराष्ट्र में बांबे हाई कोर्ट (Bombay High Court) ने बीएमसी से शिवसेना (Shivsena) उद्धव गुट से उपचुनाव की प्रत्याशी बनने जा रहीं ऋतुजा लटके (Rutuja Latke) का इस्तीफा स्वीकार करने के निर्देश दिए हैं। ऋतुजा मुंबई महानगरपालिका की कर्मचारी हैं। उद्धव ठाकरे मुंबई के अंधेरी (पूर्व) विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव में उन्हें अपना प्रत्याशी बनाना चाहते हैं।
ऋतुजा के पति रमेश के निधन से खाली हुई थी अंधेरी पूर्व विस सीट
मुंबई के अंधेरी (पूर्व) विधानसभा सीट ऋतुजा लटके के पति रमेश लटके के असामयिक निधन से ही खाली हुई थी। अब इस सीट पर हो रहे उपचुनाव के लिए ऋतुजा को 14 अक्टूबर तक नामांकन करना है। उन्होंने तीन अक्तूबर को ही अपना त्यागपत्र बीएमसी को सौंप दिया था, लेकिन अभी तक उस पर कोई फैसला नहीं हुआ है। बुधवार को वह बीएमसी आयुक्त से भी मिलकर आईं थीं, लेकिन उन्हें कोई संतोषजनक उत्तर नहीं मिला था। उसके बाद उन्होंने मुंबई उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर कर बीएमसी को उनका त्यागपत्र स्वीकार करने का निर्देश देने की अपील की थी। वीरवार को उच्च न्यायालय ने उनकी अपील पर सुनवाई करते हुए बीएमसी को शुक्रवार सुबह 11 बजे तक उनका त्यागपत्र स्वीकार करने के निर्देश दिए हैं।
हाई कोर्ट के निर्णय पर उद्धव व शिंदे गुट ने कही ये बात
शिवसेना उद्धव बाला साहब ठाकरे (उद्धव गुट) ने ऋतुजा का नामांकन भरवाने की सारी तैयारियां पूरी कर ली हैं। उसका कहना है कि ऋतुजा के पक्ष में आया मुंबई उच्च न्यायालय का निर्णय उनकी पहली जीत है। उद्धव गुट ने यह आरोप भी लगाया है कि बीएमसी आयुक्त राज्य सरकार के दबाव में ऋतुजा का त्यागपत्र स्वीकार नहीं कर रहे हैं, जबकि आयुक्त इकबाल सिंह चहल का कहना है कि त्यागपत्र पर विचार करने के लिए नियमानुसार उनके पास 30 दिन का समय होता है। ऋतुजा ने अपना त्यागपत्र तीन अक्तूबर को दिया था। अभी उनके त्यागपत्र पर विचार किया जा रहा है। चहल ने खुद पर किसी तरह के राजनीतिक दबाव से भी इनकार किया है। जबकि शिंदे गुट के नेताओं का कहना है कि ऋतुजा ने अपने त्यागपत्र के साथ ही अपना एक माह का वेतन भी बीएमसी को सौंप दिया है। ऐसी स्थिति में त्यागपत्र पर निर्णय में देरी आयुक्त पर दबाव के कारण ही हो रही है।आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।