Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

'राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला हत्या से ज्यादा गंभीर', इंजीनियर की सजा निलंबित करने से हाई कोर्ट का इनकार

Mumbai मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर पीठ ने जासूसी के आरोप में आजीवन कारावास की सजा काट रहे इंजीनियर को राहत देने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला हत्या के आरोप से ज्यादा गंभीर होता है। ब्रह्मोस एयरोस्पेस के पूर्व इंजीनियर पर महत्त्वपूर्ण सूचनाएं पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई को लीक करने का आरोप लगा है।

By Jagran News Edited By: Sachin Pandey Updated: Wed, 28 Aug 2024 08:04 PM (IST)
Hero Image
पीठ का मानना है कि राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला हत्या के आरोप से ज्यादा गंभीर होता है। (File Image)

राज्य ब्यूरो, मुंबई। मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर पीठ का मानना है कि राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला हत्या के आरोप से ज्यादा गंभीर होता है। पीठ ने इसी को आधार मानते हुए जासूसी के आरोप में आजीवन कारावास की सजा पाए इंजीनियर की सजा निलंबित करने से इनकार कर दिया है।

ब्रह्मोस एयरोस्पेस के पूर्व इंजीनियर निशांत अग्रवाल को नागपुर की एक अदालत ने महत्त्वपूर्ण सूचनाएं पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई को लीक करने के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। अग्रवाल ने अपनी सजा को निलंबित करवाने एवं जमानत देने की मांग करते हुए मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर पीठ में याचिका दायर की थी।

जासूसी का आरोप

इसी याचिका पर सुनवाई करते हुए नागपुर की पीठ के न्यायमूर्ति विनय जोशी एवं वृषाली जोशी ने यह महत्त्वपूर्ण टिप्पणी की है कि जब राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला सामने आता है तो यह हत्याओं के मामलों की तुलना में अधिक गंभीर होता है। ऐसे में हम राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने का जोखिम नहीं उठा सकते। पीठ ने मंगलवार को यह टिप्पणी करते हुए अग्रवाल की आजीवन कारावास की सजा को निलंबित करने से इनकार कर दिया है।

यह मामला 2018 का है, जब ब्रह्मोस एयरोस्पेस प्रा.लि. के नागपुर कार्यालय में कार्यरत इंजीनियर निशांत अग्रवाल पर संवेदनशील जानकारियां पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई को लीक करने का आरोप लगा था। इस मामले में उत्तर प्रदेश एवं महाराष्ट्र के आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) एवं सैन्य खुफिया विभाग ने एक संयुक्त अभियान में अग्रवाल को गिरफ्तार कर लिया था।

याचिका पर विचार करने से कोर्ट का इनकार

इसी मामले में नागपुर की अदालत ने अग्रवाल को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। यह सजा निलंबित करवाने एवं जमानत पाने के लिए अग्रवाल की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए नागपुर पीठ ने कहा है कि मामला देश की सुरक्षा से जुड़ा है, जिसे गंभीरता से देखा जाना चाहिए। अपराध का प्रभाव राष्ट्रीय सुरक्षा को गंभीर खतरा पैदा कर सकता है। पीठ ने अपनी टिप्पणी में कहा है कि ट्रायल कोर्ट ने सभी सबूतों की समीक्षा करके ही यह फैसला सुनाया है, इसलिए इस याचिका पर कोई विचार नहीं किया जा सकता।

लोकल न्यूज़ का भरोसेमंद साथी!जागरण लोकल ऐपडाउनलोड करें