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अगर मणिपुर जैसी घटना हुई तो सड़कों पर उतरने के लिए रहें तैयार, NCP की महिला विंग से बोले शरद पवार

एनसीपी के संस्थापक शरद पवार ने बुधवार को अगर मणिपुर जैसी घटना घटित होती है तो पार्टी की महिला विंग की सदस्यों को अपने खिलाफ मामले दर्ज होने की चिंता किए बगैर सड़कों पर उतरना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारे पास मणिपुर का उदाहरण है जहां पर महिलाओं की परेड निकाली गई उन पर व्यक्तिगत तौर पर हमले किए गए और उन्हें मार दिया गया।

By AgencyEdited By: Anurag GuptaUpdated: Wed, 11 Oct 2023 06:51 PM (IST)
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राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के संस्थापक शरद पवार (फोटो: @PawarSpeaks)
पीटीआई, मुंबई। अगर मणिपुर जैसी घटना घटित होती है तो राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) की महिला विंग की सदस्यों को अपने खिलाफ मामले दर्ज होने की चिंता किए बगैर सड़कों पर उतरना चाहिए। एनसीपी के संस्थापक शरद पवार ने बुधवार को यह टिप्पणी की।

एनसीपी की महिला विंग को संबोधित करते हुए शरद पवार ने कहा,

पैतृक संपत्ति में महिलाओं को हिस्सेदारी की अनुमति देने के लिए उनकी सरकार द्वारा पहले लिया गया निर्णय ठीक से लागू नहीं किया गया है। हमारे पास मणिपुर का उदाहरण है जहां पर महिलाओं की परेड निकाली गई, उन पर व्यक्तिगत तौर पर हमले किए गए और उन्हें मार दिया गया।

शरद पवार ने कहा कि अगर ऐसा कुछ होता है तो एनसीपी की महिला विंग को सड़कों पर उतरना चाहिए। आपके खिलाफ मामले दर्ज होंगे, लेकिन इससे परेशान होने की जरूरत नहीं।

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क्या कुछ बोले शरद पवार?

उन्होंने कहा कि महिलाओं को पैतृक संपत्ति में हिस्सेदारी देने के फैसले को उस प्रकार लागू नहीं किया गया, जैसा होना चाहिए था। जब हम सत्ता में थे तो किसानों के 7/12 (भूमि) दस्तावेज में दोनों (बेटे और बेटी) के नाम होते थे। हमने इसे कुछ जगहों पर लागू किया, लेकिन 100 फीसद यह लागू नहीं हुआ।

सनद रहे कि शरद पवार ने यह फैसला उस वक्त लिया था जब वह 1993 से 1995 के बीच मुख्यमंत्री थे। उन्होंने कहा कि जब वह रक्षा मंत्री थे तो उन्होंने सेना की इच्छा के विरुद्ध सशस्त्र बलों के तीन अंगों में महिलाओं को 11 फीसद आरक्षण देने का फैसला लिया था।

शिंदे सरकार पर बरसे पवार

वहीं, शरद पवार ने शिंदे सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि जनवरी और मई के बीच राज्य में 19 हजार से अधिक महिलाओं के लापता होने की सूचना मिली थी। साथ ही शरद पवार ने यह भी कहा कि सरकारी नौकरियां मौजूद हैं, लेकिन खाली पड़े पदों को नहीं भरा जा रहा।

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