होटल में आग : मृतक दंपती के रिश्तेदारों ने इंडिगो एयरलाइन को भेजा नोटिस, मुआवजा देने के लिए दिया 14 दिन का समय
कैरिज बाय एयर एक्ट 1972 और नागरिक उड्डयन मंत्रालय के यात्री चार्टर के तहत नोटिस भेजा गया है। इस कानून में विमान यात्रा के दौरान यात्री के घायल होने या मृत्यु के लिए एयरलाइन की जिम्मेदारी तय करने का प्रविधान है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय के यात्री चार्टर में कहा गया है कि विमान में किसी यात्री की मृत्यु होने पर एयरलाइन कंपनी को हर्जाना देना होगा।
मुंबई, मिड डे। मुंबई के होटल गैलेक्सी में आग लगने से दंपती की मौत मामले में मृतक दंपती किशन हलाई (27) और रूपल वेकारिया (25) के स्वजन ने इंडिगो एयरलाइंस को नोटिस भेजा है। नोटिस में कहा गया है कि सुरक्षा मानकों की जांच किए बिना यात्रियों को गैलेक्सी जैसे होटल में ठहराना कंपनी की ओर से स्पष्ट लापरवाही है। कंपनी को मृतकों के परिवार को मुआवजा देने के लिए 14 दिन का समय दिया गया है, वरना कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
क्या कहा गया नागरिक उड्डयन मंत्रालय के यात्री चार्टर में ?
कैरिज बाय एयर एक्ट, 1972 और नागरिक उड्डयन मंत्रालय के यात्री चार्टर के तहत नोटिस भेजा गया है। इस कानून में विमान यात्रा के दौरान यात्री के घायल होने या मृत्यु के लिए एयरलाइन की जिम्मेदारी तय करने का प्रविधान है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय के यात्री चार्टर में कहा गया है कि विमान में किसी यात्री की मृत्यु होने पर एयरलाइन कंपनी को हर्जाना देना होगा।
क्यों की गई थी यात्रियों के लिए होटल की व्यवस्था ?
एयरलाइन ने होटल गैलेक्सी में दंपती के रहने की व्यवस्था की थी, क्योंकि अहमदाबाद से मुंबई की उनकी पिछली कनेक्टिंग फ्लाइट देर से पहुंची थी। गेट बंद होने के कारण वे मुंबई से नैरोबी की उड़ान में नहीं चढ़ सके थे। फ्लाइट में देरी होने के चलते कंपनी ने उन्हें होटल में ठहराया था।