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Maharashtra Politics: संजय राउत ने मां को लिखा पत्र, कहा-महाराष्ट्र के दुश्मनों के आगे नहीं झुकेगी शिवसेना

Maharashtra Politics शिवसेना नेता संजय राउत ने अपनी मां को पत्र लिखकर कहा है कि देश के लिए लड़ने वाले हजारों सैनिक महीनों घर नहीं आ पाते। कुछ कभी नहीं आ पाते। शिवसेना महाराष्ट्र के दुश्मनों के आगे कभी नहीं झुकेगी। मैं जल्दी वापस आऊंगा।

By AgencyEdited By: Sachin Kumar MishraPublished: Wed, 12 Oct 2022 07:51 PM (IST)Updated: Wed, 12 Oct 2022 09:02 PM (IST)
संजय राउत ने मां को लिखा मार्मिक पत्र, 'मैं जरूर लौटूंगा'। फाइल फोटो

मुंबई, राज्य ब्यूरो। Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में पात्रा चाल घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय की गिरफ्तारी के बाद न्यायिक हिरासत में चल रहे  शिवसेना नेता संजय राउत (Sanjay Raut) ने अपनी मां को पत्र लिखकर कहा है कि देश के लिए लड़ने वाले हजारों सैनिक महीनों घर नहीं आ पाते। कुछ कभी नहीं आ पाते। शिवसेना महाराष्ट्र के दुश्मनों के आगे कभी नहीं झुकेगी। मैं जल्दी वापस आऊंगा।

मां अपना ध्यान रखना

संजय राउत ने यह पत्र आठ अगस्त को ईडी की हिरासत से न्यायिक हिरासत में जाने के बीच न्यायालय की एक बेंच पर बैठकर लिखा था। यह पत्र उनके ट्वीटर एकाउंट पर बुधवार को पोस्ट किया गया है। मां को लिखे इस मार्मिक पत्र में संजय राउत कहते हैं कि मां अपना ध्यान रखना। जब तक मैं वापस न आ जाऊं, उद्धव व असंख्य शिवसैनिक ही तुम्हारे बेटे हैं। जैसी तू मेरी मां है, वैसे ही शिवसेना भी हम सबकी मां है। मां के साथ गद्दारी करने का मुझ पर दबाव था। मुझे धमकी दी गई थी कि सरकार के खिलाफ मत बोलो। महंगा पड़ेगा, लेकिन ऐसी धमकियों की मैं परवाह नहीं करता। इसीलिए आज मैं तुमसे दूर हूं।

मैं जल्दी वापस आऊंगा

संजय राउत ने लिखा है कि मैं जल्दी वापस आऊंगा। महाराष्ट्र और देश की आत्मा को कोई ऐसे नहीं मार सकता। शिवसेना महाराष्ट्र के दुश्मनों के आगे नहीं झुकेगी। मैं अन्याय के खिलाफ संघर्ष कर रहा हूं। शिवसेना को बचा लो, यह कहने वाली तुम्हीं थीं मां। तुम पूछा करती थीं कि ये लोग (शिवसेना से बगावत करने वाले) क्यों अलग हुए ? इन्हें किस चीज की कमी थी ? शिवसेना को बचाने के लिए, टिकाने के लिए लड़ना पड़ेगा। हर बार वीर शिवाजी जन्म लें, लेकिन पड़ोस के घर में। ऐसा क्यों होना चाहिए ?

उद्धव का साथ छोड़ने के लिए बनाया जा रहा है दबाव

मां को लिखे पत्र में उन्हीं से मिले संस्कारों का जिक्र करते हुए संजय राउत लिखते हैं कि शिवसेना वाला स्वाभिमान मुझमें तुमने घुसाया। शिवसेना और बाला साहब से कभी गद्दारी नहीं करना, यह मुझे तुमने सिखाया। अब उन मूल्यों के लिए लड़ने का वक्त आया है। अगर संजय यहां कमजोर पड़ गया, तो तुम्हारा बेटा किसी को क्या मुंह दिखाएगा। सबको पता है कि मुझ पर झूठे आरोप लगाए गए हैं। यहां मेरे खिलाफ कई लोगों से गन प्वाइंट पर स्टेटमेंट लिखवाया जा रहा है। परोक्ष रूप से ठाकरे का साथ छोड़ने का दबाव बनाया जा रहा है, लेकिन उद्धव ठाकरे हमारे सेनापति हैं। यदि ऐसे मुश्किल समय में मैं उनका साथ छोड़ दूं, तो कल ऊपर जाकर बाला साहब ठाकरे को क्या मुंह दिखाऊंगा?

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