Move to Jagran APP

'समय आया तो अजित पवार को पांच साल के लिए मुख्यमंत्री बनाएगी भाजपा', फडणवीस बोले- अभी शिंदे ही रहेंगे CM

महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राज्य के मुख्यमंत्री पद पर फिलहाल किसी बदलाव से साफ इनकार करते हुए कहा है कि समय आया तो अजित पवार को पांच साल के लिए राज्य का मुख्यमंत्री बनाएंगे। उन्होंने कहा कि अजित दादा को छह महीने के लिए मुख्यमंत्री नहीं बनाया जाएगा। समय आएगा तो उन्हें पांच साल के लिए मुख्यमंत्री बनाया जाएगा।

By Jagran NewsEdited By: Anurag GuptaUpdated: Wed, 04 Oct 2023 11:40 PM (IST)
Hero Image
महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (फाइल फोटो)
ओमप्रकाश तिवारी, मुंबई। महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने राज्य के मुख्यमंत्री पद पर फिलहाल किसी बदलाव से साफ इनकार करते हुए कहा है कि समय आया तो अजित पवार (Ajit Pawar) को पांच साल के लिए राज्य का मुख्यमंत्री बनाएंगे। उन्होंने ये बातें एक पत्रिका के कानक्लेव में पूछे गए प्रश्नों के उत्तर में कहीं।

अजित पवार को लेकर अक्सर यह प्रश्न पूछा जाता है कि क्या वह सिर्फ उप मुख्यमंत्री बनने के लिए शिंदे-फडणवीस सरकार में शामिल हुए हैं। अपने काका शरद पवार से बगावत करने के बाद खुद भी अजित पवार भरी सभा में सवाल उठा चुके हैं कि हम पांच बार राज्य के उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ले चुके हैं। कभी मुख्यमंत्री भी बनेंगे या नहीं।

यह भी पढ़ें: महाराष्ट्र में जिला प्रभारी मंत्रियों की नई सूची जारी, डिप्टी सीएम अजित पवार को गृह जिले पुणे का मिला जिम्मा

देवेंद्र फडणवीस ने क्या कुछ कहा?

कानक्लेव में यही सवाल जब भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं राज्य के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से पूछा गया तो उन्होंने कहा,

अजित दादा को छह महीने के लिए मुख्यमंत्री नहीं बनाया जाएगा। समय आएगा तो उन्हें पांच साल के लिए मुख्यमंत्री बनाया जाएगा।

'शिंदे ही रहेंगे मुख्यमंत्री'

फडणवीस के अनुसार, अभी एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री हैं और वही रहेंगे। अगला लोकसभा एवं विधानसभा चुनाव उन्हीं के नेतृत्व में लड़ा जाएगा।

गौरतलब है कि अजित पवार तकरीबन तीन माह पहले अपने चाचा शरद पवार (Sharad Pawar) से बगावत कर राकांपा के 40 विधायकों के साथ शिंदे-फडणवीस सरकार में शामिल हो गए थे। उस समय उन्हें उप मुख्यमंत्री और उनके साथ आए राकांपा के आठ वरिष्ठ विधायकों को कैबिनेट मंत्री की शपथ दिलाई गई थी।

शपथ लेने के कुछ समय बाद हुए विभागों के बंटवारे में भी उनकी इच्छाओं का ख्याल रखा गया। उनकी वित्त मंत्री पद की मांग थी, वह उन्हें दिया गया है। प्रभारी मंत्रियों के मुद्दे पर कुछ विवाद चल रहा था। अजित पवार को पुणे के प्रभारी मंत्री का दर्जा देकर यह विवाद भी सुलझा लिया गया है। अबतक यह प्रभार भाजपा के वरिष्ठ मंत्री चंद्रकांत दादा पाटिल के पास था।

माना जा रहा है कि बुधवार को हुआ यह बदलाव एवं अजित पवार को पांच साल के लिए मुख्यमंत्री बनाने का बयान मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे एवं उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की एक दिन पहले हुई दिल्ली यात्रा का परिणाम है।

मंत्रिमंडल की बैठक में शामिल नहीं हुए थे अजित

मंगलवार को हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में अजित पवार शामिल नहीं हुए थे। हालांकि, उनके गुट के वरिष्ठ मंत्री छगन भुजबल ने अजित पवार की किसी प्रकार की नाराजगी का खंडन किया था और कहा था कि अजित पवार गले में इन्फेक्शन के कारण मंत्रिमंडल की बैठक में शामिल नहीं हो सके हैं, लेकिन राजनीतिक सूत्रों का कहना है कि अजित पवार सरकार में शामिल होने के तीन माह बाद भी पुणे का प्रभारी पद न मिलने से नाराज थे।

यह भी पढ़ें: नांदेड़ के बाद अब नागपुर के सरकारी अस्पताल की खुली पोल, 24 घंटे में 14 मरीजों की मौत

यही कारण था कि मंगलवार को मंत्रिमंडल की बैठक के तुरंत बाद शिंदे और फडणवीस को दिल्ली भागना पड़ा। वहां अपने वरिष्ठ नेताओं से चर्चा के बाद फडणवीस ने एक ओर अजित पवार को उनकी मर्जी के अनुसार पुणे का प्रभारी मंत्री बनाने का फैसला किया तो दूसरी ओर समय आने पर पांच साल के लिए मुख्यमंत्री बनाने का जुमला भी उछाल दिया है।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।