IIT Bombay: हॉस्टल कैंटीन में छह टेबल शाकाहारी वालों के लिए रहेंगी रिजर्व, नियम नहीं माना तो...
आइआइटी बांबे में छात्रों द्वारा कथित रूप से खाने को लेकर भेदभाव का मुद्दा उठाने के दो महीने बाद मेस काउंसिल ने कहा है कि तीन छात्रावासों की आम कैंटीन में छह टेबल केवल शाकाहारी वालों के लिए रिजर्व की रहेंगी।इसमें कहा गया है कि इस नियम का पालन करना जरूरी होगा। इसमें किसी तरह का उल्लंघन पाए जाने पर मेस टीम द्वारा कार्रवाई की जाएगी और जुर्माना लगाया जाएगा।
By AgencyEdited By: Ashisha Singh RajputUpdated: Thu, 28 Sep 2023 08:57 PM (IST)
मुंबई, पीटीआई। आइआइटी बांबे में छात्रों द्वारा कथित रूप से खाने को लेकर भेदभाव का मुद्दा उठाने के दो महीने बाद मेस काउंसिल ने कहा है कि तीन छात्रावासों की आम कैंटीन में छह टेबल केवल शाकाहारी वालों के लिए रिजर्व की रहेंगी। इसमें कहा गया है कि इस नियम का पालन करना जरूरी होगा।
उल्लंघन करने पर की जाएगी कार्रवाई
इसमें किसी तरह का उल्लंघन पाए जाने पर मेस टीम द्वारा कार्रवाई की जाएगी और जुर्माना लगाया जाएगा। मेस काउंसिल द्वारा हास्टल 12, 13 और 14 के छात्रों को बुधवार को भेजे ईमेल में कहा गया है कि उल्लंघनों को अनुशासनात्मक कार्रवाई भी मानी जाएगी, क्योंकि वे सद्भाव को बाधित करते हैं। हमारा लक्ष्य कैंटीन सुविधाओं को बनाए रखना है।
यह भी पढ़ें- West Bengal: शिक्षक भर्ती घोटाले मामले में अभिषेक बनर्जी को ED का समन, TMC ने भाजपा पर साधा निशाना
क्या कहा गया ईमेल में ?
ईमेल में कहा गया है कि कुछ लोग खाने के दौरान मांसाहारी भोजन के गंध को बर्दाश्त नहीं कर पाते हैं। इस वर्ष जुलाई में संस्थान के हास्टल 12 की कैंटीन की दीवारों पर केवल शाकाहारियों को यहां बैठने की अनुमति है वाले पोस्टर लगाए गए थे। इसकी तस्वीर वायरल हो गई थी, जिसके बाद छात्रों के एक वर्ग ने इस पर विरोध जताया था।
यह भी पढ़ें- बंगाल के लोगों की आवाज दिल्ली तक पहुंचाएंगीं ममता बनर्जी, CM ने राष्ट्रीय राजधानी तक मार्च का किया आह्वान
ईमेल में आगे कहा गया कि हमारा प्राथमिक लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि प्रत्येक निवासी को बहुत आरामदायक और सुखद भोजन अनुभव मिले। इसे संबोधित करने और अधिक समावेशी वातावरण बनाने के लिए, विशेष रूप से शाकाहारी भोजन के लिए केवल छह टेबल बनाने का निर्णय लिया गया है।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।