Move to Jagran APP

Monsoon 2024: मानसून ने पकड़ी रफ्तार, तय समय पर पूरे देश में झमाझम वर्षा; जुलाई किसानों के लिए बल्ले-बल्ले

देश में पड़ रही प्रचंड गर्मी से अब लोगों को धीरे-धीरे राहत मिलने लगी है क्योंकि लगभग पूरे देश में मानसून पहुंच चुका है। बारिश होने से जहां लोगों को गर्मी से राहत मिली है वहीं किसानों से खुशई की लहर है। किसान बारिश पड़ते ही अपनी खेती की शुरुआत कर चुके हैं। अनुमान जताया गया है कि अगले पखवाड़े में देश के अधिकांश भागों में अच्छी बारिश होगी।

By Agency Edited By: Abhinav Atrey Updated: Thu, 27 Jun 2024 07:15 PM (IST)
Hero Image
अब तक हुई कम बारिश की भरपाई जुलाई के मध्य तक संभव। (फाइल फोटो)
रॉयटर्स, मुंबई। जून की शुरुआत में ही बुआई का सीजन होने के बावजूद अब तक मंद गति से चल रहा मानसून अब देश के तीन-चौथाई हिस्से से अधिक को कवर कर चुका है। इसके बावजूद वह समय से पूरे भारत पर छाकर खूब बरसेगा। मानूसन ने रफ्तार पकड़ ली है इसलिए अगले पखवाड़े में देश के अधिकांश भागों में अच्छी बारिश होगी। अब तक हुई कम बारिश की भरपाई जुलाई मध्य तक होने का अनुमान है।

दो वरिष्ठ मौसम अधिकारियों ने गुरुवार को बताया कि मानसून के जरिये पूरे देश में होने वाली यह ग्रीष्मकालीन बारिश कृषि प्रधान भारत के आर्थिक विकास के लिए बेहद जरूरी है। दक्षिण में प्राय: एक जून से शुरू होने वाला मानसून आठ जुलाई तक पूरे भारत को वर्षा से सराबोर कर देता है। इसके चलते किसान धान, कपास, सोयाबीन और गन्ने की फसलों की बुआई करते हैं।

उत्तर भारत में अब मानसून ने बढ़त बनाई- मौसम विभाग

भारतीय मौसम विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि उत्तर भारत में अब मानसून ने बढ़त बना ली है। और समय पर यह पूरे देश को कवर कर लेगा। मौसम विभाग ने बयान जारी करके कहा है कि दक्षिण-पश्चिम मानसून ने गुरुवार को बढ़त बना ली है। उसने राजस्थान, और मध्य प्रदेश के अधिकांश भागों को कवर कर लिया है।

एक जून से अब तक भारत में 19 प्रतिशत कम बारिश

मानसून उत्तर प्रदेश और बिहार के अब तक अछूते रहे क्षेत्रों और करीब-करीब पूरे उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश पर छा चुका है। हालांकि मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार एक जून से अब तक भारत में तकरीबन 19 प्रतिशत कम बारिश हुई है। चूंकि बीच में मानसून की बढ़त थम गई थी, इसलिए केवल कुछ दक्षिणी राज्य ही अब तक अधिकांश बारिश का लाभ ले चुके हैं और पूर्वोत्तर समेत बाकी देश तपती-झुलसती गर्मी से जूझता रहा था। अब इन इलाकों में भी मानसून की मीठी फुहार पड़नी शुरू हो गई है।

मानसून के जरिये ही 70 प्रतिशत बरसात

3.5 ट्रिलियन डॉलर की आर्थिकी वाले देश में मानसून के जरिये ही 70 प्रतिशत बरसात होती है। इसी बरसात से खेतों में सिंचाई होती है और नदी-तालाब, जलाशय पानी से लबालब भरते हैं। जून से सितंबर तक चलने वाले मानसून के कारण ही भारत विश्व का दूसरा सबसे बड़ा धान, गेहूं और चीनी का उत्पादक देश बना है जो पूरी तरह से सालाना बारिश पर ही निर्भर है।

ये भी पढ़ें: लिव-इन में रह रही थी महिला, रिश्ता टूटा तो पार्टनर ने प्राइवेट मोमेंट का वीडियो कर दिया प्रसारित; केस दर्ज

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।