मराठा आरक्षण को लेकर जरांगे पाटिल ने दी आंदोलन तेज करने की धमकी, मांगें नहीं हुई पूरी तो उठाएंगे ये कदम
मराठा आरक्षण के लिए अनशन कर रहे मनोज जरांगे पाटिल ने बुधवार तक अपनी मांगें पूरी करने की धमकी दी है। उन्होंने कहा है कि यदि सरकार ने बुधवार तक उनकी मांगें नहीं मानीं तो गुरुवार से वह जल का भी त्याग कर देंगे। बता दें कि सरकार ने कुछ स्थानों पर इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी हैं।
By Jagran NewsEdited By: Nidhi AvinashUpdated: Tue, 31 Oct 2023 09:10 PM (IST)
राज्य ब्यूरो, मुंबई: मराठा आरक्षण के लिए अनशन कर रहे मनोज जरांगे पाटिल ने बुधवार तक अपनी मांगें पूरी न होने पर आंदोलन तेज करने की धमकी दी है। उन्होंने कहा है कि यदि सरकार ने बुधवार तक उनकी मांगें नहीं मानीं तो गुरुवार से वह जल का भी त्याग कर देंगे। सोमवार को हिंसक स्वरूप लेता दिखा मराठा आंदोलन मंगलवार को सड़क और रेलमार्ग अवरुद्ध करने तक ही सीमित दिखा।
सरकार ने कुछ स्थानों पर इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी हैं। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने सोमवार देर रात उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ हुई एक घंटे की चर्चा के बाद मंगलवार सुबह फोन पर मनोज जरांगे पाटिल से करीब आधे घंटे बात की। शिंदे ने पाटिल को मराठा आरक्षण उपसमिति की बैठक में लिए गए निर्णयों की जानकारी दी और उनसे अनशन छोड़ने की अपील की।
जरांगे पाटिल ने दी धमकी
दोपहर बाद हुई मंत्रिमंडल की बैठक भी मराठा आरक्षण के विषय पर ही केंद्रित रही। लेकिन, इस मुद्दे पर तुरंत विधानमंडल का सत्र बुलाने की जरांगे पाटिल की मांग नहीं मानी गई। इसके बाद शाम को कुछ समाचार चैनलों से बात करते हुए जरांगे पाटिल ने धमकी दी है कि यदि बुधवार तक सरकार ने उनकी मांगें नहीं मानीं तो गुरुवार से वह जल का भी त्याग कर देंगे।पाटिल ने कहा है कि हम मुख्यमंत्री को सीधे बताना चाहते हैं कि अभी हम शांतिपूर्वक आंदोलन कर रहे हैं। लेकिन, यदि हमें तकलीफ देने की कोशिश की गई् तो हम जैसे को तैसा उत्तर देने को तैयार हैं।सोमवार को मराठा आंदोलनकारियों ने तीन विधायकों के घरों में तोड़फोड़ की थी और दो विधायकों के घरों में आग लगा दी थी।
धारा-307 के तहत होगी कार्रवाई
इस प्रकार की हिंसा पर सख्त रुख अपनाते हुए राज्य गृह मंत्रालय के प्रभारी देवेंद्र फडणवीस ने चेतावनी दी कि उन्हें कई सीसीटीवी फुटेज ऐसे मिले हैं, जिनमें लोगों को जिंदा जलाने का प्रयास किया जा रहा है। इनमें से कुछ आरोपितों की पहचान भी हो गई है। ऐसे लोगों पर आइपीसी की धारा-307 के तहत कार्रवाई की जाएगी। फडणवीस की इस चेतावनी का भी जरांगे पाटिल ने उत्तर दिया है। उन्होंने कहा है कि यदि गरीब मराठा लड़कों पर केस दर्ज किया गया तो मैं स्वयं जिलाधिकारी कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ जाऊंगा।उद्धव को मराठा आरक्षण पर बोलने का कोई अधिकार नहीं
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को मराठा आरक्षण के बारे में बोलने का नैतिक अधिकार नहीं है, क्योंकि उनके मुख्यमंत्रित्वकाल में ही सुप्रीम कोर्ट ने मराठा आरक्षण रद किया और वह उस निर्णय को चुनौती देने में नाकाम रहे थे। कहा कि उद्धव ठाकरे के मन में मराठा समाज को लेकर कितनी संवेदना है, यह मराठा समाज भी जानता है।
देवेंद्र फडणवीस के मुख्यमंत्रित्वकाल में मराठा समाज को शिक्षा एवं नौकरियों में आरक्षण मिला। उसे हाई कोर्ट में चुनौती दी गई, लेकिन वहां वह चुनौती नहीं टिकी। लेकिन, जब इसी प्रकरण को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई तो मुख्यमंत्री कौन था, मराठा आरक्षण के लिए बनी उपसमिति का अध्यक्ष कौन था, यह बात उद्धव ठाकरे को याद होनी चाहिए। मराठा आरक्षण खत्म करने के जिम्मेदार वास्तव में उद्धव ठाकरे ही हैं।
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