Move to Jagran APP

INS विक्रांत मामले में किरीट सोमैया को बड़ी राहत, EOW की दूसरी क्लोजर रिपोर्ट में फिर मिली क्लीन चिट

INS Vikrant Case भाजपा नेता किरीट सोमैया को बड़ी राहत मिली है। मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने अपनी दूसरी क्लोजर रिपोर्ट में भी सोमैया को क्लीन चिट दी है। 57 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी मामले में किरीट सोमैया के खिलाफ कोई सुबूत नहीं मिला है। बता दें कि साल 1961 में आईएनएस विक्रांत को नौसेना में शामिल किया गया था।

By Jagran News Edited By: Ajay Kumar Updated: Sun, 03 Nov 2024 10:52 PM (IST)
Hero Image
भाजपा नेता किरीट सोमैया। ( फाइल फोटो)
जेएनएन, मुंबई। मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने 57 करोड़ रुपये की आईएनएस विक्रांत धोखाधड़ी मामले में भाजपा नेता किरीट सोमैया और उनके बेटे नील सोमैया को क्लीनचिट देते हुए दूसरी बार क्लोजर रिपोर्ट दायर की है।

सोमैया पर आरोप है कि उन्होंने सेवामुक्त विमानवाहक पोत के संरक्षण के लिए जनता से दान एकत्र किया, लेकिन वह धनराशि महाराष्ट्र सरकार या राज्यपाल को ट्रांसफर नहीं किया। इस वर्ष की शुरुआत में भी आर्थिक अपराध शाखा ने इस मामले में क्लोजर रिपोर्ट दायर की थी। हालांकि, अदालत ने इस रिपोर्ट को खारिज कर दिया तथा धन के स्त्रोत का पता लगाने के लिए जांच का आदेश दिया था।

57 करोड़ के लेनदेन का साक्ष्य नहीं

गवाहों ने दावा किया था कि उन्होंने सोमैया को पैसे दान किए थे। जांच पड़ताल के बाद ईओडब्ल्यू ने दूसरी क्लोजर रिपोर्ट दायर की है। इस रिपोर्ट में ईओडब्ल्यू ने कहा कि उसे कथित 57 करोड़ रुपये के लेन-देन का कोई साक्ष्य नहीं मिला। हालांकि, इसने 12,881 की छोटी राशि का पता लगाया, जिसे किरीट सोमैया ने कथित तौर पर 10 दिसंबर, 2013 को चर्चगेट रेलवे स्टेशन के पास आयोजित दान अभियान के दौरान एकत्र किया था। इस कार्यक्रम के बाद सोमैया ने महाराष्ट्र के तत्कालीन राज्यपाल के. शंकरनारायणन से मुलाकात कर एकत्रित राशि उन्हें सौंप दी।

धनराशि का कोई रिकॉर्ड नहीं

ईओडब्ल्यू रिपोर्ट में राजभवन के अधिकारियों के बयान शामिल हैं, जिन्होंने इस बात की पुष्टि की है कि बैठक हुई थी, लेकिन उन्होंने कहा कि सोमैया ने कितनी राशि सौंपी, इसका कोई रिकॉर्ड नहीं है। चूंकि शंकरनारायणन का निधन हो चुका है, इसलिए विवरणों की पुष्टि करना चुनौतीपूर्ण है। रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया है कि किसी भी गवाह ने यह दावा नहीं किया कि सोमैया ने 57 करोड़ रुपये एकत्र किए।

धोखा देने का कोई इरादा नहीं

ईओडब्ल्यू ने कहा कि सोमैया के नेतृत्व में चर्चगेट दान अभियान का उद्देश्य आईएनएस विक्रांत के बारे में जनता की भावनाओं को सरकार तक पहुंचाना था। जनता को धोखा देने का कोई इरादा नहीं था। 1961 में कमीशन किया गया विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत को 1997 में सेवामुक्त कर दिया गया। जनवरी 2014 में ऑनलाइन नीलामी के जरिये बेचा गया।

यह भी पढ़ें: 'इस्तीफा नहीं दिया तो...' CM योगी को धमकी देने वाली महिला से ATS भी करेगी पूछताछ; निकाली जाएगी पूरी कुंडली

यह भी पढ़ें: जेफ बेजोस फिर बने दुनिया के दूसरे सबसे अमीर इंसान, पढ़ें रातों-रात कैसे बढ़ी खरबों की संपत्ति

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।