Maharashtra: कोरेगांव-भीमा मामले में एनआइए ने अमेरिकी फर्म की रिपोर्ट को किया खारिज
Maharashtra एनआइए ने बांबे हाई कोर्ट में हलफनामा दायर कर अमेरिकी फारेंसिक फर्म की उस रिपोर्ट को खारिज को दिया है जिसमें कहा गया है कि कोरेगांव-भीमा मामले से जुड़े प्रमुख आरोपितों के लैपटाप में कथित रूप से कुछ सामग्री डाली गई थी।
By Sachin Kumar MishraEdited By: Updated: Sat, 01 May 2021 07:34 PM (IST)
मुंबई, एजेंसियां। Maharashtra: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने बांबे हाई कोर्ट में हलफनामा दायर कर अमेरिकी फारेंसिक फर्म की उस रिपोर्ट को खारिज को दिया है, जिसमें कहा गया है कि कोरेगांव-भीमा मामले से जुड़े प्रमुख आरोपितों के लैपटाप में कथित रूप से कुछ सामग्री डाली गई थी। एनआइए ने इस मामले के आरोपित रोना विल्सन की ओर से दायर की गई याचिका पर अपना पक्ष रखा है। विल्सन ने अपनी याचिका में एनआइए द्वारा दायर किए गए आरोपपत्र को रद करने की मांग की है। जिसका एनआइए ने हलफनामा दायर कर विरोध किया है। दायर याचिका में विल्सन ने एनआइए के आरोपत्र को रद करने के लिए अमेरिकी फारेंसिक फर्म की रिपोर्ट को आधार बनाया है।
रिपोर्ट के आधार पर आरोपित ने दावा किया है कि साइबर हमलावर ने उसके कंप्यूटर के साथ छेड़छाड़ की है। हलफनामे में एनआइए ने कहा है कि जिन दस्तावेजों को आरोपपत्र का हिस्सा नहीं बनाया गया है, उनका इस्तेमाल मुकदमे को लेकर नहीं किया जा सकता है। गौरतलब है कि एक जनवरी 2018 को पुणे के पास स्थित भीमा कोरेगांव में हिंसा भड़की थी। इससे एक दिन पहले वहां यलगार परिषद के बैनर तले एक रैली हुई थी और इसी रैली में हिंसा भड़काने की भूमिका बनाई गई थी। इस संगठन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या की साजिश रचने का आरोप भी लगा था। पुलिस ने इससे संबंधित साक्ष्य भी बरामद किया थे। साथ ही, कई लोगों को गिरफ्तार भी किया गया था।
गौरतलब है कि भीमा कोरेगांव मामले में फरार आरोपित मिलिंद तेलतुंबडे ने प्रतिबंधित संगठन कबीर कला मंच के तीन कार्यकर्ताओं के लिए महाराष्ट्र में गढ़चिरौली के कोर्ची वन क्षेत्र में हथियारों के प्रशिक्षण का आयोजन किया था। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने पिछले हफ्ते दाखिल 10 हजार पेज के आरोप पत्र में यह दावा किया है। आरोप पत्र के मुताबिक, मिलिंद तेलतुंबडे के निर्देशों पर सागर गोरखे, रमेश गैचोर और ज्योति जगताप शहरी इलाकों में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा)-माओवादी की गतिविधियों को बढ़ा रहे थे। 2011 में मिलिंद तेलतुंबडे की पत्नी एंजेला सोंटाके की गिरफ्तारी के बाद गोरखे, गैचोर और जगताप ने कोर्ची के जंगलों में मिलिंद से मुलाकात की थी जो भाकपा-माओवादी का महाराष्ट्र-मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़ जोन का सचिव है। वे वहां दो-तीन महीने रहे थे।
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