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उद्धव ठाकरे की एकनाथ शिंदे और बीजेपी को चुनौती, कहा- चुनाव का सामना करके दिखाएं, जनता करेगी फैसला

महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा कि एकनाथ शिंदे और बीजेपी को राज्य में नए चुनावों का सामना करना चाहिए। जनता अपना अंतिम निर्णय ले लेगी। उद्धव ने ये भी कहा कि एकनाथ शिंदे को भी नैतिक आधार पर इस्तीफा देना चाहिए। (फाइल फोटो)

By Jagran NewsEdited By: Manish NegiUpdated: Fri, 12 May 2023 10:32 AM (IST)
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उद्धव ठाकरे की एकनाथ शिंदे और बीजेपी को चुनौती

मुंबई, ऑनलाइन डेस्क। शिवसेना (यूबीटी) अध्यक्ष और महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे ने बीजेपी और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को चुनौती दी है। उद्धव ने एकनाथ शिंदे और सरकार में सहयोगी भाजपा को नए चुनाव का सामना करने की चुनौती दी। उन्होंने कहा कि जनता को अंतिम निर्णय लेने दें।

सभी चुनाव का सामना करके दिखाएं

बता दें कि उद्धव मुंबई में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे थे। उन्होंने कहा, 'आइए सभी नए चुनावों का सामना करें और लोगों को अंतिम निर्णय लेने दें। जैसा मैंने सीएम पद से इस्तीफा दिया था, उसी तरह एकनाथ शिंदे को भी नैतिक आधार पर इस्तीफा देना चाहिए।'

सुप्रीम कोर्ट जाने की धमकी

उद्धव ने फिर से सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की धमकी भी दी। उद्धव ने कहा कि अगर बगावत करने वाले शिवसेना के विधायकों की अयोग्यता पर फैसला नहीं लिया तो वह एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। उन्होंने कहा, 'इस वर्तमान सरकार को अंतरिम राहत है। स्पीकर को जल्द से जल्द मामले पर फैसला लेना चाहिए।'

महाराष्ट्र का नाम बदनाम हो रहा है

उद्धव ने कहा कि दुनिया भर में महाराष्ट्र का नाम खराब किया जा रहा है, ऐसा नहीं होना चाहिए। मैं पीएम नरेंद्र मोदी को भी बताना चाहता हूं कि देश में 'नंगा नाच' चल रहा है और आपको इसे रोकना चाहिए।

क्या है सुप्रीम कोर्ट का फैसला?

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को उद्धव ठाकरे गुट और शिंदे गुट के बीच चल रहे सत्ता संघर्ष पर दूरगामी परिणामों वाला ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। कोर्ट ने शिंदे की मुख्यमंत्री पद पर नियुक्ति पर तो मुहर लगाई। हालांकि कोर्ट ने राज्यपाल और स्पीकर की भूमिका पर सवाल उठाया है। कोर्ट ने कहा कि राज्यपाल का उद्धव को सदन में बहुमत साबित करने के लिए कहना सही नहीं था, क्योंकि उनके समक्ष इस निष्कर्ष पर पहुंचने का कारण और सामग्री नहीं थी कि उद्धव ने सदन का बहुमत खो दिया है।