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Lok Adalat: 25 साल के इतिहास में सड़क हादसे का सबसे बड़ा मुआवजा, लोक अदालत ने सौंपा 2.85 करोड़ रुपये का चेक

राष्ट्रीय लोक अदालत ने जून 2022 में एक सड़क दुर्घटना में मारे गए एक व्यक्ति के परिजनों को 2.85 करोड़ रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया है। 25 साल बाद ठाणे में आयोजित लोक अदालत ने यह आदेश देकर मृत्यु दावे का निपटारा किया है। वहीं एक अन्य मामले में मुकदमा दायर सुनवाई ऑनलाइन माध्यम से ही की गई।

By Jagran News Edited By: Siddharth Chaurasiya Updated: Sat, 27 Jul 2024 07:17 PM (IST)
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लोक अदालत ने ओएनजीसी अधिकारी के परिजनों को 2.85 करोड़ रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया है।

पीटीआई, ठाणे। ठाणे स्थित राष्ट्रीय लोक अदालत ने जून 2022 में एक सड़क दुर्घटना में मारे गए एक व्यक्ति के परिजनों को शनिवार को 2.85 करोड़ रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया। यह मुआवजा राशि इसके 25 वर्ष के इतिहास में किसी मृतक के परिजन को दी गई सबसे अधिक राशि है।

ओएनजीसी के महाप्रबंधक धीरेंद्र चंद्र ठाकुरदास रॉय की कार को पनवेल-सायन रोड पर 19 जून, 2022 को एक ट्रक ने टक्कर मार दी जिसके बाद अधिकारी का वाहन राज्य परिवहन की एक बस से जा टकरा गया।

रॉय का 59 वर्ष की आयु में निधन हो गया था।

अदालत ने परिजनों को सौंपा चेक

जिला न्यायाधीश एसएस शिंदे और मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण (एमएसीटी) सदस्य एसएन शाह ने रॉय की विधवा, दो बेटियों और 86 वर्षीय मां को 2.85 करोड़ रुपये का मुआवजा चेक सौंपा।

मृतक के परिजनों की ओर से पेश हुए अधिवक्ता एसटी कदम ने कहा कि दुर्घटना के समय रॉय का मासिक वेतन छह लाख रुपये था।

एक अलग मामले में 1.15 करोड़ रुपये का मुआवजा

पिछले साल 23 फरवरी को घोड़बंदर रोड पर सड़क दुर्घटना में मारी गई आईटी फर्म की एचआर प्रमुख मौसमी मेहेंदले (38) के परिवार को एक अलग मामले में 1.15 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया गया था।

लोक अदालत में एक अन्य उल्लेखनीय घटनाक्रम के तहत एमएसीटी सदस्य शाह ने एक फार्मेसी छात्र के लिए समझौते की घोषणा की, जो ठाणे में एक सड़क दुर्घटना में शामिल था, लेकिन वर्तमान में लंदन में रहता है।

अधिकारियों ने बताया कि दावा ऑनलाइन दायर किया गया और उसका निपटारा भी ऑनलाइन ही किया गया।

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