Lok Sabha Results 2024: उद्धव ठाकरे क्या केंद्र में दोहरा पाएंगे 2019 का प्रयोग? कांग्रेस के साथ मिलकर करना चाहते हैं ये खेल
मंगलवार को चुनाव परिणाम आने के दौरान ही उद्धव ठाकरे ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा था कि बुधवार को दिल्ली में होने वाली आईएनडीआईए की बैठक में इस गठबंधन के प्रधानमंत्री पद का चेहरा चुना जाएगा। उन्होंने राजग का हिस्सा जदयू एवं तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) को आईएनडीआईए में शामिल कर सरकार बनाने का दावा भी किया था।
ओमप्रकाश तिवारी, मुंबई। Lok Sabha Election Results 2024: महाराष्ट्र में महाविकास आघाड़ी के नेताओं ने केंद्र में भी 2019 का वह प्रयोग दोहराने का प्रयास शुरू कर दिया है, जिसके तहत तब भाजपा के साथ चुनाव पूर्व के गठबंधन को छोड़कर शिवसेना ने कांग्रेस और राकांपा के साथ मिलकर महाविकास आघाड़ी की सरकार बना ली थी। इसका संकेत मंगलवार को शिवसेना (यूबीटी) के नेता उद्धव ठाकरे के बाद बुधवार को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने भी दे दिया है।
जदयू और टीडीपी पर क्या बोले उद्धव?
मंगलवार को चुनाव परिणाम आने के दौरान ही उद्धव ठाकरे ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा था कि बुधवार को दिल्ली में होने वाली आईएनडीआईए की बैठक में इस गठबंधन के प्रधानमंत्री पद का चेहरा चुना जाएगा।उन्होंने राजग का हिस्सा जदयू एवं तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) को आईएनडीआईए में शामिल कर सरकार बनाने का दावा भी किया था। उन्होंने कहा था कि इन दलों के नेता नीतीश कुमार एवं चंद्रबाबू नायडू भी उनके (भाजपा के) द्वारा परेशान किए जा चुके हैं। इसलिए वे हमारे साथ आ सकते हैं।
क्या शिंदे गुट का साथ छोड़ सकते हैं नवनिर्वाचित सांसद?
बताया जाता है कि यह दावा करने से पहले उद्धव ठाकरे शिवसेना शिंदे गुट की ओर से लोकसभा चुनाव जीतकर आए पांच सांसदों से बात भी कर चुके थे। इसलिए महाराष्ट्र की राजनीति में यह चर्चा चल रही है कि शिंदे गुट के नवनिर्वाचित पांच सांसद अब उनका साथ छोड़कर उद्धव ठाकरे के साथ जाने का मन बना रहे हैं, लेकिन इसकी कोई पुष्टि अभी नहीं हो सकी है।
I.N.D.I.A गठबंधन की बनेगी सरकार- नाना पटोले
लगभग इसी तरह का दावा बुधवार को पत्रकारों के पूछे जाने पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने भी किया। उन्होंने कहा कि केंद्र में आईएनडीआईए गठबंधन की सरकार बनाने का फार्मूला तैयार है।2019 में हुआ था बड़ा उलटफेर
मालूम हो कि 2019 का महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव शिवसेना ने भाजपा के साथ गठबंधन करके लड़ा था, लेकिन चुनाव के परिणाम आते ही उन्होंने भाजपा के साथ हुए गठबंधन को धता बताकर कांग्रेस एवं राकांपा के साथ महाविकास आघाड़ी की सरकार बनाने का निर्णय कर लिया था।
इसमें उनका साथ देते हुए राकांपा नेता शरद पवार ने उद्धव ठाकरे को पूरे पांच वर्ष मुख्यमंत्री बनाने का फार्मूला कांग्रेस नेता सोनिया गांधी से भी स्वीकृत करवा लिया था। यही कारण रहा कि सबसे बड़ा दल बनकर उभरने वाली भाजपा उस समय सत्ता से दूर रह गई। हालांकि, करीब ढाई साल बाद शिवसेना में हुई बड़ी टूट के बाद भाजपा पुन: साझे की सत्ता में आ गई थी।
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