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Lok Sabha Elections 2024: इस राजनीतिक दल ने हासिल किया 55.5 करोड़ रुपये चंदा, चुनावी मैदान में प्रत्याशी उतारे बस तीन

मुंबई में एक ऐसा राजनीतिक दल भी चुनाव मैदान में है जिसे चुनावी चंदा तो 55.5 करोड़ रुपए मिला। लेकिन लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी उसने तीन ही खड़े किए हैं। ऐसी पार्टियों पर नजर रखनेवाले आयकर विभाग ने 2022 में मुंबई की सरदार वल्लभभाई पटेल पार्टी के कार्यालय पर छापा मारा था। आयकर विभाग का यह मामला अभी भी लंबित है।

By Jagran News Edited By: Siddharth Chaurasiya Updated: Mon, 06 May 2024 10:30 PM (IST)
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मुंबई में एक ऐसा राजनीतिक दल भी चुनाव मैदान में है, जिसे चुनावी चंदा 55.5 करोड़ रुपए मिला है।

राज्य ब्यूरो, मुंबई। मुंबई में एक ऐसा राजनीतिक दल भी चुनाव मैदान में है, जिसे चुनावी चंदा तो 55.5 करोड़ रुपए मिला। लेकिन लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी उसने तीन ही खड़े किए हैं। ऐसी पार्टियों पर नजर रखनेवाले आयकर विभाग ने 2022 में मुंबई की सरदार वल्लभभाई पटेल पार्टी के कार्यालय पर छापा मारा था।

आयकर विभाग का यह मामला अभी भी लंबित है। लेकिन पार्टी ने लोकसभा चुनाव में मुंबई में तीन प्रत्याशी खड़े किए हैं। पार्टी द्वारा उत्तर मुंबई, उत्तर-पूर्व मुंबई एवं दक्षिण-मध्य मुंबई से तीन उम्मीदवार खड़े किए गए हैं। लेकिन इन उम्मीदवारों के परिजनों और उनके पड़ोसियों को भी नहीं पता है कि वे लोकसभा के प्रत्याशी हैं।

राजनीतिक जानकारों का मानना है कि ऐसी पार्टियों एवं ऐसे प्रत्याशियों का उपयोग कुछ दल प्रमुख दलों के उम्मीदवारों का मत खराब करने के लिए भी करते हैं। जैसे इस बार बारामती में शरद पवार नामक एक ऑटो रिक्शा चालक भी वहां खड़े 33 उम्मीदवारों में से एक है। उम्मीदवारों की इतनी अधिक संख्या होने के कारण बारामती में मंगलवार को होने जा रहे मतदान में तीन ईवीएम मशीनों का उपयोग करना पड़ेगा, जिनमें अपनी पसंद के उम्मीदवार का नाम और निशान खोजना भी मतदाताओं के लिए टेढ़ी खीर होगा।

मुंबई में तीन उम्मीदवार खड़े करनेवाली सरदार वल्लभभाई पटेल पार्टी (एसवीपीपी) के अध्यक्ष दशरथ पारेख कहते हैं कि उनकी पार्टी के चार सभासद गुजरात के निकाय चुनावों में चुनकर आ चुके हैं। वह अपनी पार्टी का वोट प्रतिशत बढ़ाकर जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की शर्तें पूरी करना चाहते हैं, ताकि पार्टी को बढ़ाया जा सके।

उनके अनुसार पार्टी की जरूरतों को पूरा करने के लिए उन्होंने 55.5 करोड़ रुपयों का चंदा भी जुटाया था। जिसका उपयोग गरीबों को शिक्षा, स्वास्थ्य एवं कपड़े आदि उपलब्ध कराने पर किया गया है। लेकिन आयकर विभाग के अधिकारियों का मानना है कि ऐसी पार्टियों को मिलनेवाला चंदा ज्यादातर कमीशन काटकर नकद में चंदा देनेवालों को ही वापस कर दिया जाता है।

चंदा देनेवाले ऐसे दलों को चंदा देते ही इसलिए हैं, क्योंकि चुनावी चंदे पर उन्हें 100 प्रतिशत आयकर छूट प्राप्त होती है। पैसे का यह लेनदेन हवाला कारोबारियों के जरिए होता है। बता दें कि एसवीपीपी जमीन पर भले न दिखाई दे, लेकिन इंस्टाग्राम एवं एक्स जैसे इंटरनेट प्लेटफार्मों पर अपनी गतिविधियां चलाती रहती है।

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