Maharashtra Election Result 2024: महायुति की जीत के वे सात फैक्टर, जिन्होंने MVA का किया सूपड़ा साफ
Maharashtra Assembly Election 2024 Result and 7 Key Factors Behind Mahayutis Victory महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में महायुति (भाजपा-शिवसेना-शिंदे-एनसीपी-अजित पवार) ने प्रचंड बहुमत मिला है। वहीं महाविकास अघाड़ी महज 55 सीटों पर सिमटती नजर आ रही है। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महायुति के प्रचंड बहुमत के पीछे वे कौन-कौन-से फैक्टर हैं जिन्होंने महाविकास अघाड़ी गठबंधन का सूपड़ा साफ कर दिया है। यहां पढ़ें...
डिजिटल डेस्क, मुंबई। महाराष्ट्र में 288 विधानसभा सीटों पर हुए चुनाव के नतीजे आ गए हैं। अब तक हुई मतगणना के मुताबिक, जहां महायुति को प्रचंड बहुमत मिला है तो वहीं महाविकास अघाड़ी 55 सीटों पर ही सिमट गया है। इसी के साथ यह तय हो गया है कि महाराष्ट्र में भाजपा-शिवसेना (शिंदे)-एनसीपी(अजित पवार) के गठबंधन वाली यानी महायुति की सरकार बन रही है। एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस के घर बधाइयां देने वालों का तांता लगने लग गया है।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में अब तक के रुझानों में महायुति गठबंधन बंपर बढ़त बनाए हुए हैं। रुझान ही नतीजे बनते नजर आ रहे हैं। ऐसे में सबके मन में सवाल ये है कि जब भाजपा के खिलाफ विरोधी लहर थी, बीजेपी पर शिवसेना और एनसीपी को तोड़ने के आरोप, मराठा आंदोलन से लोग नाराज फिर भी इन सब झंझावतों से निपटने में महायुति कैसे सफल हुआ?महायुति की जीत के वे कौन-से फैक्टर हैं, जिसने महाविकास अघाड़ी का सूपड़ा साफ कर दिया है। आइए हम बताते हैं आपको...
1. लड़की बहिन योजना और टोल न वसूलना
भाजपा नेतृत्व महायुति सरकार ने की लड़की बहिन योजना लागू करना सही फैसला साबित हुआ। इससे पहले मध्यप्रदेश में प्रचंड जीत का श्रेय भी वहां लागू लाडली बहना योजना को दिया गया। महाराष्ट्र की जनता ने माना कि सीएम एकनाथ शिंदे के चलते उनके बैंक खाते में हर महीने धनराशि आ रहे हैं। अगर शिंदे दोबारा सीएम बनते हैं तो ये रुपये आते रहेंगे और बढ़ भी सकते हैं।
लड़की बहिन योजना का असर यह हुआ कि एमवीए के कोर वोटर्स के घरों की महिलाओं ने भी महायुति को वोट दिए, क्योंकि उनके बैंक अकाउंट में सीधे पैसा आ रहा था। चुनाव से पहले महायुति सरकार ने राज्य के कई टोल प्लाजाओं को टोल फ्री कर पुरुष मतदाताओं को अपने पक्ष में किया।
2. शिंदे को सीएम बनाकर साधा बड़ा निशाना
पॉलिटिकल एक्सर्ट्स का मानना है कि भाजपा का एकनाथ शिंदे को राज्य का मुख्यमंत्री बनाना और लगातार बनाए रखना, एक ऐसी चाल साबित हुई, जिसने एमवीए को चारों खानों को चित कर दिया। दरअसल, शिंदे मराठा क्षत्रप हैं। उनको सीएम बना भाजपा की मराठा प्राइड को भुनाने की रणनीति कारगर साबित हुई।
इतना ही नहीं, भाजपा समय-समय पर यह भी मैसेज दिया कि शिंदे फिर से सीएम बन सकते हैं। जरांगेर पाटील के मराठा आंदोलन के बाद महाविकास अघाड़ी गठबंधन खुश थी, लेकिन भाजपा ने शिंदे पर दांव लगा, एमवीए को शिकस्त दे दी। शिवसेना (उद्धव) को कमजोर करने में शिंदे में अहम भूमिका निभाई। मराठी जनता ने शिंदे को ही मराठा सम्मान का प्रतीक माना और ठाकरे परिवार को बाहरी।
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