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'परिस्थितियां ही ऐसी बनाई गई थीं', उद्धव ठाकरे से अलगाव पर सीएम शिंदे बोले- ...नहीं तो पार्टी खत्म हो जाती

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे से अलगाव पर खुलकर बात की। समाचार एजेंसी ANI से रविवार को बातचीत के दौरान शिंदे ने कहा कि अगर मैं उनके साथ रहता तो पार्टी खत्म हो जाती। शिंदे ने यह भी कहा कि अगर साथ रहते तो चुनाव चिन्ह धनुषबाण भी नष्ट हो जाता।शिंदे ने कहा कि हमने पार्टी को स्थिर रखने का काम किया है। आज शिवसेना स्थिर है।

By Agency Edited By: Nidhi Avinash Updated: Sun, 18 Aug 2024 07:27 PM (IST)
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उद्धव ठाकरे से अलगाव पर क्या होले सीएम शिंदे (Image; ANI)
एएनआई, नई दिल्ली। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने 2022 में उद्धव ठाकरे से अलग होने के अपने फैसले को बिल्कुल सही कदम बताया है। रविवार को समाचार न्यूज एजेंसी ANI से एक बातचीत के दौरान शिंदे ने दावा किया कि 'अगर वह उनके साथ रहते तो पार्टी टूट जाती और यहां तक ​​कि चुनाव चिन्ह 'धनुषबाण' भी नष्ट हो जाता।'

पार्टी से अलगाव के बाद क्या दोषी महसूस करते हैं शिंदे?

शिंदे ने आगे कहा कि पार्टी प्रमुख का काम अपने कार्यकर्ताओं के पीछे खड़ा होना है क्योंकि वे ही पार्टी को मजबूत करते हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें कभी अपने इस कदम के लिए दोषी महसूस हुआ, शिंदे ने कहा, 'क्योंकि परिस्थितियां ही ऐसी बनाई गई थीं।

अगर हम उनके साथ वहां रहते, तो पार्टी टूट जाती, पार्टी खत्म हो जाती और धनुषबाण का प्रतीक भी नष्ट हो जाता। अगर पार्टी के कार्यकर्ता ही नहीं रहेंगे, तो पार्टी कैसे बचेगी? अगर पार्टी के मुखिया की जिम्मेदारी है कि हम सबको एकजुट करें, हमारी पार्टी को आगे बढ़ाएं, तो हमारी नीतियां ऐसी होनी चाहिए कि लोगों को पार्टी से लाभ मिले।'

शिवसेना का भाजपा के साथ गठबंधन होता, तो...

शिंदे ने कहा, 'पार्टी के कार्यकर्ता पार्टी को मजबूत बनाते हैं। इसलिए जब कोई कार्यकर्ता मुश्किल में होता है, तो उसके पीछे खड़ा होना पार्टी नेता का काम होता है। हमने देखा कि पार्टी कोई और चला रहा था और नेतृत्व कोई और कर रहा था।  जिन घटनाओं के बारे में मैंने आपको बताया, वे हमें खत्म करने की कोशिश कर रहे थे। अगर हम ऐसे ही रहते, तो हम क्या करते?' महाराष्ट्र के सीएम ने यह भी उल्लेख किया कि अगर उस समय एकजुट शिवसेना का भाजपा के साथ गठबंधन होता, तो उनकी विचारधारा ठीक होती और वे सभी एकजुट होते।

'हमने पार्टी को स्थिर रखने का काम किया'

शिंदे ने कहा कि हमने पार्टी को स्थिर रखने का काम किया है। आज शिवसेना स्थिर है। धनुषबाण भी मौजूद है। आज लोगों ने यह भी दिखा दिया है कि असली शिवसेना कौन है। हम 13 जगहों पर आमने-सामने लड़े। उनमें से 7 जीते। इसके अलावा, यह पूछे जाने पर कि उद्धव ठाकरे से अलग होने के बाद वे गुवाहाटी क्यों गए, इस पर एकनाथ शिंदे ने कहा कि यह उनकी रणनीति थी। 

अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी के साथ गठबंधन पर बोलते हुए एकनाथ शिंदे ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काम को देखने के बाद अजित पवार ने महायुति गठबंधन में शामिल होने का फैसला किया। 

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