Maharashtra : नांदेड अस्पताल के डीन और एक डाक्टर के खिलाफ FIR, 48 घंटों में हुई थी 31 मरीजों की मौत
महाराष्ट्र के नांदेड के शंकरराव चह्वाण शासकीय मेडिकल कालेज एवं अस्पताल के डीन डा.श्यामराव वाकोडे एवं एक डाक्टर के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। यह प्राथमिकी उक्त अस्पताल में 30 सितंबर से एक अ के बीच 24 मरीजों की मौत के मामले में मृतकों के स्वजनों की ओर से दर्ज कराई गई है।इस अस्पताल में 48 घंटों में 35 से अधिक मरीजों की मौत हुई थी।
By Jagran NewsEdited By: Ashisha Singh RajputUpdated: Thu, 05 Oct 2023 10:15 PM (IST)
राज्य ब्यूरो, मुंबई। महाराष्ट्र के नांदेड के शंकरराव चह्वाण शासकीय मेडिकल कालेज एवं अस्पताल के डीन डा.श्यामराव वाकोडे एवं एक डाक्टर के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। यह प्राथमिकी उक्त अस्पताल में 30 सितंबर से एक अ के बीच 24 मरीजों की मौत के मामले में मृतकों के स्वजनों की ओर से दर्ज कराई गई है।इस अस्पताल में 48 घंटों में 35 से अधिक मरीजों की मौत हुई थी।
बांबे हाई कोर्ट ने मांगी रिपोर्ट
बांबे हाई कोर्ट ने भी इस मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी है। इस मामले में बांबे हाई कोर्ट ने भी शुक्रवार को सुनवाई की तारीख निर्धारित की है। इस दौरान राज्य सरकार की ओर से स्वास्थ्य सेवाओं पर हो रहे खर्च का विवरण हाई कोर्ट में प्रस्तुत किया जाएगा। गुरुवार को इसी मामले में सख्त कार्रवाई करते हुए डीन एवं एक अन्य डाक्टर के विरुद्ध पुलिस ने आइपीसी की धारा 304 एवं 34 के तहत प्राथमिकी दर्ज कर ली है।
क्या है मरीजों के स्वजनों का आरोप?
मरीजों के स्वजनों का आरोप है कि 30 सितंबर से एक अक्तूबर के बीच जब अस्पताल में 11 नवजात शिशुओं की मौत हुई, उस समय 24 बिस्तरों की क्षमता वाले नवजात गहन चिकित्सा इकाई (एनआईसीयू) में कुल 65 बच्चों का इलाज हो रहा था। जबकि, इस मामले में बाल रोग विभाग के प्रमुख डा.किशोर राठौड़ ने कहा है कि शिशुओं की मौत का कारण दवाओं की कमी नहीं थी। उस दिन एनआइसीयू में 11 मौतों में से आठ शिशु दूसरे अस्पतालों से भेजे गए थे, जिन्हें बहुत ही गंभीर अवस्था में लाया गया था।32 बच्चों का चल रहा था इलाज
इन शिशुओं का वजन तब एक किलोग्राम से भी कम था। डा.राठौड़ के अनुसार बाल गहन चिकित्सा इकाई (पीआईसीयू) की क्षमता 31 बिस्तरों की है। जबकि वहां उस दौरान 32 बच्चों का इलाज चल रहा था। कांग्रेस ने की उच्चस्तरीय जांच की मांग गौरतलब है कि नांदेड के उक्त अस्पताल में हुई मरीजों की मौतों के अलावा छत्रपति संभाजी महाराज नगर एवं नागपुर के सरकारी अस्पतालों में भी बड़ी संख्या में मरीजों की मौतें हुई हैं।
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मरीजों की मौतों की उच्चस्तरीय जांच की मांग
गुरुवार को इन मौतों को लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले एवं कार्यकारी अध्यक्ष मोहम्मद आरिफ नसीम खान के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल रमेश बैस से मिला और सरकारी अस्पतालों में हो रही मरीजों की मौतों की उच्चस्तरीय जांच की मांग की। इस मामले में राहुल गांधी ने कहा कि पीएम मोदी को गरीब मां की हृदय विदारक चीखें सुननी चाहिए। राज्य सरकार उससे पहले ही वरिष्ठ डाक्टरों की एक समिति बनाकर सभी मौतों की अलग-अलग जांच के आदेश दे चुकी है। ताकि मृत्यु के कारणों का पता लगाया जा सके।
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