Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

Maharashtra: 'महाराष्ट्र के मंत्री छगन भुजबल ने ओबीसी के लिए कुछ नहीं किया' मराठा कोटा कार्यकर्ता जारांगे का दावा

मराठा कोटा कार्यकर्ता मनोज जारांगे (Maratha quota activist Manoj Jarange) का दावा है कि महाराष्ट्र के मंत्री भुजबल ने ओबीसी के लिए कुछ नहीं किया। दरअसल मराठा कोटा को लेकर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की हालिया घोषणा की भुजबल ने आलोचना की है। साथ ही धमकी दी है कि वह राज्य सरकार के फैसले के खिलाफ 1 फरवरी को विधायकों सांसदों और तहसीलदारों के आवासों के बाहर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।

By Agency Edited By: Nidhi Avinash Updated: Tue, 30 Jan 2024 12:01 PM (IST)
Hero Image
मराठा कोटा कार्यकर्ता मनोज जारांगे (left) महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री छगन भुजबल (Right)

पीटीआई, मुंबई। मराठा कोटा को लेकर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की हालिया घोषणा की महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री छगन भुजबल ने आलोचना की है। वरिष्ठ ओबीसी नेता छगन भुजबल ने धमकी दी है कि राज्य सरकार के फैसले के खिलाफ 1 फरवरी को विधायकों, सांसदों और तहसीलदारों के आवासों के बाहर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।

इस धमकी के बाद अब मराठा कोटा कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने मंगलवार को इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी। जरांगे ने दावा किया कि ओबीसी को एहसास हो गया है कि मंत्री छगन भुजबल ने उनके लिए कुछ नहीं किया और अगर वह अपने पद से हट जाते हैं तो उन्हें बुरा नहीं लगेगा।

मराठा आरक्षण पर शिंदे सरकार का फैसला

दरअसल, शिंदे सरकार ने मनोज जरांगे की सभी मांगे मान ली है। इन मांगों के मुताबिक, मराठों को आरक्षण मिलने तक अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) द्वारा प्राप्त सभी लाभ दिए जाएंगे। जारांगे के साथ बातचीत के बाद सरकार द्वारा एक मसौदा अधिसूचना जारी की गई है, जिसमें कहा गया है कि मराठा व्यक्ति के रक्त संबंधियों, जिनके पास यह दिखाने के लिए रिकॉर्ड हैं कि वह कृषक कुनबी समुदाय से हैं, को भी कुनबी के रूप में मान्यता दी जाएगी।

बता दें कि एक कृषक समुदाय, कुनबी ओबीसी श्रेणी में आता है और जारांगे पिछले अगस्त से मराठों के लिए आरक्षण के लिए आंदोलन का नेतृत्व कर रहे हैं। उन्होंने सभी मराठों के लिए कुनबी प्रमाण पत्र की मांग की थी।

'मराठा आरक्षण के लिए कुछ नहीं किया'

मराठा योद्धा राजा छत्रपति शिवाजी महाराज को श्रद्धांजलि देने के जारांगे मंगलवार को रायगढ़ किले पहुंचे। इस दौरान जरांगे से एक पत्रकार ने कैबिनेट से इस्तीफा देने की भुजबल की चेतावनी के बारे में पूछा। जिस पर कार्यकर्ता ने कहा 'कोई भी इस तरह की दबाव रणनीति के आगे नहीं झुकेगा। सत्तारूढ़ गठबंधन के शीर्ष नेता भुजबल को संभालने के लिए काफी चतुर हैं। यहां तक कि ओबीसी को भी एहसास हो गया है कि भुजबल ने पिछले कई सालों में उनके लिए कुछ नहीं किया। अगर वह पद छोड़ देते हैं तो उन्हें बुरा नहीं लगेगा।'

भुजबल से बात करेंगे कैबिनेट सहयोगी

सोमवार को, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने कहा कि वह मराठा आरक्षण पर राज्य सरकार के फैसले के विरोध पर अपनी पार्टी और कैबिनेट सहयोगी भुजबल से बात करेंगे। उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी सोमवार को कहा कि वह पात्र मराठों को कुनबी जाति प्रमाण पत्र जारी करने पर मसौदा अधिसूचना के मद्देनजर ओबीसी कोटा मुद्दे पर भुजबल की चिंताओं को दूर करेंगे। अधिसूचना का विशेष रूप से उल्लेख किए बिना, फडणवीस ने कहा कि अगर आवश्यक हुआ तो सरकार संशोधन करेगी।

यह भी पढ़ें: Maratha Reservation: 'हम अपनी मांग पर अडिग हैं...', मराठा आरक्षण को लेकर मनोज जरांगे की पदयात्रा के चार दिन पूरे

यह भी पढ़ें: Maharashtra: मराठों के पिछड़ेपन का आकलन करेगी राज्य सरकार, CM शिंदे ने राज्य आयोग को दिए सर्वेक्षण के खास निर्देश

आपके शहर की तथ्यपूर्ण खबरें अब आपके मोबाइल पर