Maharashtra: एनसीपी शरद पवार गुट के नेता जितेंद्र आव्हाड की गाड़ी पर हमला, युवराज छत्रपति के संगठन ने ली जिम्मेदारी
मुंबई में पूर्व कैबिनेट मंत्री और एनसीपी (शरद पवार गुट) के नेता जितेंद्र आव्हाड की गाड़ी पर हमला किया गया है। जानकारी के अनुसार तीन अज्ञात लोगों ने जितेंद्र आव्हाड की गाड़ी पर हमला किया है। यह हमला ठाणे की तरफ जाते समय फ्री-वे रोड के पास हुआ है। हमलावर स्वराज संगठन के कार्यकर्ता बताए जा रहे हैं। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
मुंबई, आईएएनएस। एनसीपी (शरद पवार गुट) के नेता जितेंद्र आव्हाड की गाड़ी पर स्वराज संगठन के कार्यकर्ताओं ने गुरुवार को हमला कर दिया। जितेंद्र आव्हाड की गाड़ी पर हमले का वीडियो सामने आया है। जिसमें तीन कार्यकर्ता 'छत्रपति शिवाजी महाराज की जय' और 'छत्रपति संभाजी महाराज की जय' के नारे लगाते, पथराव करते और एसयूवी के शीशे पर लाठियां बरसाते नजर आ रहे हैं।
धनंजय जाधव ने माफी की मांग की
यह सब ईस्टर्न फ्रीवे के पास उस समय हुआ जब वह अपने गृहनगर ठाणे जा रहे थे। बाद में, स्वराज्य संगठन के महासचिव धनंजय जाधव ने हमले की जिम्मेदारी ली और मांग की कि आव्हाड को युवराज संभाजीराजे छत्रपति - छत्रपति शिवाजी महाराज के 13वें प्रत्यक्ष वंशज - के लिए अपने हालिया बयानों के लिए माफी मांगनी चाहिए।
वीडियो में दिख रहा है कि तीन युवक जितेंद्र आव्हाड की गाड़ी पर लाठी-डंडे से हमला कर रहे हैं। पीछे से पुलिस की गाड़ी भी लगी है। पुलिस की कार्रवाई से निडर ये तीनों लोग गाड़ी के शीशे पर डंडे से वार कर रहे हैं। इस पर ड्राइवर चालाकी दिखाते हुए गाड़ी की स्पीड बढ़ा देता है। जब गाड़ी की स्पीड तेज हो जाती है तो स्वराज संगठन के कार्यकर्ता वहां से भाग जाते हैं।
हालांकि, वीडियो देखकर लग रहा है कि कार सवार एनसीपी नेता बाल-बाल बच गए। जितेंद्र आव्हाड को चोट लगी है या नहीं अभी तक इसकी आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई है। जितेंद्र आव्हाड की गाड़ी को भी कोई खास नुकसान नहीं हुआ है।
विपक्षी नेताओं ने हमले की निंदा की
वहीं, एनसीपी-एसपी नेता सुप्रिया सुले और अन्य विपक्षी महा विकास अघाड़ी नेताओं ने हमले की कड़ी निंदा की है, जबकि आव्हाड के समर्थकों ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के गृहनगर ठाणे में सड़क जाम कर विरोध प्रदर्शन किया। 14 जुलाई को कोल्हापुर के विशालगढ़ किले में हुए सांप्रदायिक दंगे के बाद आव्हाड ने कथित तौर पर भीड़ को उकसाने के लिए स्वराज्य संगठन के संस्थापक युवराज की कड़ी आलोचना की थी।
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