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Maharashtra Politics: 'मराठा आरक्षण के मुद्दे पर CM शिंदे के फैसले से संतुष्ट नहीं', अजित गुट के नेता ने उठाए सवाल

Maharashtra Politics महाराष्ट्र सरकार में कैबिनेट मंत्री छगन भुजबल ने मराठा आरक्षण की मांग को लेकर सीएम शिंदे के फैसले पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि वह मराठा आरक्षण मुद्दे पर राज्य सरकार के फैसले से संतुष्ट नहीं हैं। छगन भुजबल ने कहा कि ओबीसी को लग रहा है कि उन्होंने अपना आरक्षण खो दिया है क्योंकि मराठा इसका लाभ उठाएंगे।

By Agency Edited By: Mohd Faisal Published: Sun, 28 Jan 2024 03:32 PM (IST)Updated: Sun, 28 Jan 2024 03:32 PM (IST)
Maharashtra Politics: छगन भुजबल ने सीएम शिंदे के फैसले पर उठाए सवाल। (फाइल फोटो)

पीटीआई, मुंबई। Maharashtra Politics: महाराष्ट्र सरकार में कैबिनेट मंत्री छगन भुजबल ने मराठा आरक्षण की मांग को लेकर सीएम शिंदे के फैसले पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि वह मराठा आरक्षण मुद्दे पर राज्य सरकार के फैसले से संतुष्ट नहीं हैं।

छगन भुजबल का दावा

भुजबल ने दावा किया है कि मराठाओं के कुनबी रिकॉर्ड खोजने के लिए गठित समिति के अध्यक्ष न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) संदीप शिंदे को भारत के मुख्य न्यायाधीश द्वारा लिए जाने वाले वेतन से लगभग दोगुना वेतन मिल रहा है। उन्होंने इसे अनावश्यक खर्च बताया है।

छगन भुजबल ने ओबीसी को लेकर कही ये बात

छगन भुजबल ने कहा कि ओबीसी को लग रहा है कि उन्होंने अपना आरक्षण खो दिया है क्योंकि मराठा इसका लाभ उठाएंगे। उन्होंने कहा कि वह मराठों को अलग आरक्षण देने का समर्थन करते हैं, लेकिन उनके साथ मौजूदा ओबीसी कोटा को साझा नहीं करने का समर्थन करते हैं।

उन्होंने दावा किया कि एक बार जब वे ओबीसी के लिए मौजूदा आरक्षण का हिस्सा बन जाएंगे तो केवल उन्हें ही लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जो कुछ भी कह रहे हैं, उससे हमारा मन संतुष्ट नहीं है।

समिति के अध्यक्ष के वेतन पर उठाए सवाल

उन्होंने कहा कि मेरी जानकारी के अनुसार, भारत के मुख्य न्यायाधीश को 2.80 लाख रुपये वेतन मिलता है, जबकि समिति का नेतृत्व कर रहे अध्यक्ष न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) संदीप शिंदे को 4.50 लाख रुपये मिलते हैं। इतना खर्च क्यों हो रहा है।

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मनोज जरांगे ने शनिवार को समाप्त किया अनिश्चितकालीन अनशन

आपको बता दें कि महाराष्ट्र सरकार द्वारा मांगे माने जाने के बाद मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने शनिवार को अपना अनिश्चितकालीन अनशन समाप्त कर दिया था। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने घोषणा की है कि जब तक मराठाओं को आरक्षण नहीं मिलता है, तब तक उन्हें ओबीसी को मिलने वाले सभी लाभ दिए जाएंगे।

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