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Maharashtra Politics: शिवाजी की प्रतिमा ढहने पर सियासत तेज, MVA ने निकाला विरोध मार्च; जवाब में भाजपा ने भी किया प्रदर्शन

महाराष्ट्र में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा ढहने की घटना पर सियासत गर्माने लगी है। महा विकास अघाड़ी ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। वहीं भाजपा ने विपक्ष पर राजनीति करने का आरोप लगाया है। 26 अगस्त को सिंधुदुर्ग जिले में छत्रपति शिवाजी महाराज की 35 फीट ऊंची प्रतिमा ढह गई थी। पिछले साल ही प्रतिमा का अनावरण किया गया था।

By Jagran News Edited By: Ajay Kumar Updated: Sun, 01 Sep 2024 02:51 PM (IST)
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मुंबई में विरोध प्रदर्शन करते कांग्रेस नेता। ( फोटो- एएनआई)

एएनआई, मुंबई। महाराष्ट्र में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा ढहने के मामले में सियासत भी तेज हो गई है। रविवार को महा विकास अघाड़ी (MVA) ने मुंबई में हुतात्मा चौक से गेटवे ऑफ इंडिया तक विरोध मार्च निकाला। एमवीए नेताओं ने घटना की निंदा की।

उधर, एमवीए के प्रदर्शन के खिलाफ भाजपा ने भी मोर्चा खोला। भाजपा ने मुंबई के दादरी इलाके में एमवीए के खिलाफ जवाबी विरोध प्रदर्शन किया और इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया।

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यह सबसे भावनात्मक मुद्दा: अनिल देसाई

शिवसेना (यूबीटी) सांसद अनिल देसाई ने कहा, "प्रधानमंत्री भावुक थे। उन्होंने घटना पर दुख जताया, लेकिन महाराष्ट्र सरकार को जो दुख व्यक्त करना चाहिए था, उसने ऐसा नहीं किया। उलटा गलत तरीके से विपक्ष से बात करना शुरू कर दिया। कहा गया कि हम इस मुद्दे का राजनीतिकरण कर रहे हैं। मगर यह सबसे भावनात्मक मुद्दा था, जिसे महाराष्ट्र ने पहले कभी नहीं देखा। हमने लोकतांत्रिक तरीके से सब कुछ किया था। मार्च के लिए हमने प्रशासन और पुलिस को आवेदन दिया था। हमें उम्मीद थी कि समय पर अनुमति मिल जाएगी।

सरकार को इस्तीफा दे देना चाहिए

देसाई ने कहा कि हम प्रशासन और पुलिस से सहयोग की उम्मीद कर रहे हैं, क्योंकि यह मोर्चा बहुत ही लोकतांत्रिक और अनुशासित तरीके से आयोजित किया जाएगा। सत्ता पक्ष इसे राजनीतिक कह सकता है, क्योंकि उनके पास बचाव करने को कुछ नहीं है। महाराष्ट्र के लोग जानते हैं कि कौन राजनीति कर रहा है और कौन हमारे गौरव के साथ सड़क पर है...सरकार को इस्तीफा दे देना चाहिए।

फडणवीस बोले- विपक्ष का प्रदर्शन राजनीतिक

उधर, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विपक्ष के विरोध को पूरी तरह से राजनीतिक बताते हुए खारिज कर दिया। शिवसेना (यूबीटी) के सांसद अरविंद सावंत ने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज को भगवान के समान माना जाता है। सावंत ने विरोध प्रदर्शन में बाधा डालने पर अधिकारियों की आलोचना की। उन्होंने दावा किया कि मूर्ति का गिरना उनके सम्मान और स्वाभिमान पर आघात है।

उद्धव ठाकरे बोले- यह महाराष्ट्र का अपमान

उद्धव ठाकरे ने कहा है कि यह महाराष्ट्र का अपमान है। हमें अपने ही महाराष्ट्र में हमारी पुलिस द्वारा रोका जा रहा है और हम विरोध मार्च के साथ आगे नहीं बढ़ सकते। मैंने ऐसी असहाय पुलिस कभी नहीं देखी।

महाराष्ट्र का अपमान करना केंद्र की नीति: सावंत

सांसद सावंत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हमेशा राजनीतिक बयान देते हैं। अगर उन्हें इतनी सहानुभूति होती तो वे मणिपुर चले जाते। केंद्र सरकार की नीति महाराष्ट्र का अपमान करना है। यह राजनीतिक नहीं है, यह आंदोलन महाराष्ट्र के सम्मान के लिए है, जिसका अपमान किया गया है।

26 अगस्त को ढही थी प्रतिमा

बता दें कि सिंधुदुर्ग जिले में छत्रपति शिवाजी महाराज की 35 फीट ऊंची प्रतिमा 26 अगस्त को ढह गई थी। पिछले साल 4 दिसंबर को नौसेना दिवस पर प्रतिमा का अनावरण किया गया था।

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