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Maratha Reservation: 'सरकार नहीं मानी तो आगे भी जारी रखेंगे आंदोलन', मनोज जारांगे ने तोड़ी भूख हड़ताल

मराठा आरक्षण पर जारी अनिश्चितकालीन अनशन को कार्यकर्ता मनोज जारांगे ने वापस ले लिया है। उन्होंने सोमवार को वापसी की घोषणा करते हुए कहा कि वह 17 दिन पुराना अनशन वापस ले रहे हैं। हालांकि उन्होंने जोर देकर कहा कि महाराष्ट्र सरकार उन लोगों के विस्तारित परिवार के सदस्यों को कुनबी जाति प्रमाण पत्र जारी करना शुरू नहीं कर देती है।

By Agency Edited By: Sonu Gupta Updated: Mon, 26 Feb 2024 05:52 PM (IST)
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मनोज जारांगे ने वापस ली भूख हड़ताल। फाइल फोटो।

पीटीआई, नई दिल्ली। मराठा आरक्षण पर जारी अनिश्चितकालीन अनशन को कार्यकर्ता मनोज जारांगे ने वापस ले लिया है। उन्होंने सोमवार को वापसी की घोषणा करते हुए कहा कि वह 17 दिन पुराना अनशन वापस ले रहे हैं। हालांकि, उन्होंने जोर देकर कहा कि महाराष्ट्र सरकार उन लोगों के विस्तारित परिवार के सदस्यों को कुनबी जाति प्रमाण पत्र जारी करना शुरू नहीं कर देती है, जिससे आरक्षण का लाभ उठाने की अनुमति मिल सके, तब तक वह अपना आंदोलन जारी रखंगे।

जरांगे ने की थी मुंबई तक मार्च की घोषणा

मालूम हो कि जारांगे ने एक दिन पहले नौकरियों और शिक्षा में कोटा से संबंधित अपनी मांगों को लेकर दबाव बनाने के लिए मुंबई तक मार्च की घोषणा की थी। हालांकि, अनिश्चितकालीन अनशन को वापस लेना का यह फैसला अब आया है। मालूम हो कि मुंबई में राज्य विधानमंडल का बजट सत्र भी शुरू हो गया है।

भूख हड़ताल कर रहे स्थगितः जारांगे

उन्होंने कहा कि मैं आज अपना आंदोलन स्थगित कर रहा हूं, लेकिन 3 से 4 युवा यहां बैठेंगे और हमारी मांगों के लिए हर दिन उपवास करेंगे। मैं कुछ गांवों का दौरा भी करूंगा और उन्हें अपना रुख समझाऊंगा। उन्होंने कहा कि जो भी लोग मुझसे मिलना चाहते हैं वह अंतरवाली सरती गांव में मुझसे मिल सकते हैं। वहीं, आरक्षण आंदोलन को लेकर उनके खिलाफ दर्ज की गई कई पुलिस शिकायतों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि इसका प्रभाव किसी भी कार्यकर्ता पर नहीं पड़ा है।

अपने ऊपर दर्ज किए गए मुकदमों पर उन्होंने कहा कि अगर वे मुझ पर मुकदमा चलाना चाहते हैं, तो मुझे कोई समस्या नहीं है, लेकिन ऐसा करके वे परेशानी को आमंत्रित करेंगे।

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