Maharashtra: मराठवाड़ा में ओबीसी और मराठा का शक्तिप्रदर्शन, चुनाव से पहले दिया बड़ा सियासी संदेश
Maharashtra Politics महाराष्ट्र में चुनावों की घोषणा से पहले सियासी सरगर्मी बढ़ी हुई है इस बीच मराठा और ओबीसी समुदाय ने दो अलग-अलग रैलियों में शक्तिप्रदर्शन कर बड़ा सियासी संदेश दिया है। दोनों रैलियों के गहरे राजनीतिक अर्थ निकाले जा रहे हैं। जानिए दोनों समुदायों का महाराष्ट्र की सियासत में क्या है प्रभाव और सत्तारुढ़ महायुति गठबंधन के लिए इन्हें लेकर क्या चुनौतियां हैं।
ओमप्रकाश तिवारी, मुंबई। विधानसभा चुनाव की घोषणा से ठीक पहले महाराष्ट्र के बीड जिले में हुई दो अलग-अलग रैलियों के जरिए मराठा एवं अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) का शक्ति प्रदर्शन दिखाई दिया। एक रैली में भाजपा नेत्री पंकजा मुंडे एवं राकांपा नेता धनंजय मुंडे के साथ ओबीसी नेताओं का जमावड़ा दिखा तो दूसरी रैली में मराठा समाज को ओबीसी कोटे के तहत आरक्षण दिलवाने के लिए आंदोलन कर रहे मनोज जरांगे पाटिल मराठों को संबोधित करते दिखाई दिए। इन दोनों रैलियों के गहरे राजनीतिक अर्थ निकाले जा रहे हैं।
महाराष्ट्र में मराठा और ओबीसी समाज दो बड़ी राजनीतिक शक्तियां हैं। पिछले एक साल से मराठा आंदोलनकर्ता मनोज जरांगे पाटिल सभी मराठों को कुनबी (खेतिहर मराठा) का दर्जा देकर उन्हें ओबीसी कोटे के तहत आरक्षण देने की मांग कर रहे हैं, जबकि ओबीसी समाज की तरफ से इस मांग का विरोध किया जा रहा है। मनोज जरांगे की सक्रियता के कारण ही हाल के लोकसभा चुनाव में मराठा समाज की नाराजगी का खामियाजा भाजपा एवं उसके सहयोगी दलों को उठाना पड़ा था।
(पंकजा मुंडे ने एक्स पर साझा की रैली की झलकियां)टीझर..
— Pankaja Gopinath Munde (@Pankajamunde) October 12, 2024
आपला दसरा, आपली परंपरा !!
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मराठवाड़ा में है अधिक प्रभाव
खासतौर से मराठवाड़ा क्षेत्र में, क्योंकि जरांगे पाटिल मराठवाड़ा के जालना जिले के निवासी हैं और उनका अधिक प्रभाव भी मराठवाड़ा में ही है। इसलिए वह आगामी विधानसभा चुनाव में भी मराठों को एकजुट कर सत्तारूढ़ गठबंधन महायुति को चोट पहुंचाना चाहते हैं। उन्होंने पहली बार बीड जिले के नारायणगढ़ में मराठा समाज की रैली करके राज्य सरकार को चेतावनी दे डाली कि यदि चुनाव की घोषणा होने से पहले उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो महायुति को इसके परिणाम भुगतने पड़ेंगे।
(मनोज जरांगे ने बीड के नारायणगढ़ में मराठा समाज की रैली कर दिखाया शक्ति प्रदर्शन। Photo- Facebook/ Manoj Jarange )
दूसरी ओर ओबीसी के दो बड़े नेता पंकजा मुंडे और धनंजय मुंडे भी मराठवाड़ा से ही आते हैं। ये दोनों चचेरे भाई बहन हैं। पंकजा राज्य में ओबीसी समाज के बड़े नेता रहे गोपीनाथ मुंडे की पुत्री हैं और धनंजय गोपीनाथ मुंडे के भतीजे हैं। पंकजा भाजपा की विधान परिषद सदस्य हैं, जबकि धनंजय राकांपा अजीत पवार कोटे से राज्य सरकार में मंत्री हैं।
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