Maharashtra Politics: उद्धव गुट ने EC को लिखा पत्र, पार्टी का नाम व चुनाव चिन्ह देने में भेदभाव का आरोप
Maharashtra Politics उद्धव ठाकरे गुट ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर पार्टी का नाम व चुनाव चिह्न देने में भेदभाव किए जाने का आरोप लगाया जबकि इस संबंध में चुनाव आयोग का अंतरिम आदेश आने के बाद उद्धव गुट ने नाम व चुनाव चिह्न दोनों को लेकर संतोष जताया था।
By Jagran NewsEdited By: Sachin Kumar MishraUpdated: Thu, 13 Oct 2022 08:10 PM (IST)
मुंबई, राज्य ब्यूरो। Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में शिवसेना (Shivsena) के उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) गुट और एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) गुट की तकरार खत्म नहीं हो रही है। अब उद्धव गुट ने चुनाव आयोग (Election Commission) द्वारा पार्टी के चुनाव चिन्ह और नाम के आवंटन में पक्षपात का आरोप लगाया है। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे गुट ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर पार्टी का नाम और चुनाव चिह्न देने में अपने साथ भेदभाव किए जाने का आरोप लगाया है, जबकि इस संबंध में चुनाव आयोग का अंतरिम आदेश आने के बाद उद्धव गुट ने नाम और चुनाव चिह्न दोनों को लेकर संतोष व्यक्त किया था।
वकील के जरिए चुनाव आयोग को लिखा पत्र
अपने वकील विवेक सिंह के जरिए चुनाव आयोग को लिखे पत्र में उद्धव ठाकरे ने 12 बिंदुओं के जरिए आयोग पर भेदभाव का आरोप लगाया है। 10 अक्टूबर को आए चुनाव आयोग के अंतरिम फैसले में शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट को ‘मशाल’ चुनाव चिह्न व ‘शिवसेना उद्धव बालासाहब ठाकरे’ नाम दिया था। जबकि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को चुनाव चिह्न ‘ढाल से लगी दो तलवारें’ व पार्टी का नाम ‘बालासाहबबांचे शिवसेना’ (यानी बालासाहब की शिवसेना) दिया है। उद्धव ठाकरे ने चुनाव आयोग को भेजे अपने पत्र में आरोप लगाया है कि शिंदे गुट की पार्टी का नाम और चुनाव चिह्न घोषित होने से पहले ही आयोग ने मेरे (उद्धव के) चुनाव चिह्न व नाम अपनी वेबसाइट पर डाल दिए थे। इससे शिंदे गुट को नकल करने का अवसर मिल गया। यही कारण है कि ठाकरे गुट के नाम और चुनाव चिह्न में से ही शिंदे गुट ने अपने नाम और चुनाव चिह्न को चुना।
चुनाव आयोग पर लगाए ये आरोप
उद्धव ने यह आरोप भी लगाया है कि बाद में चुनाव आयोग ने अपनी वेबसाइट पर डाले गए उद्धव गुट के नाम और चिह्न को हटा लिया और शिंदे गुट की ओर भेजा गया कोई भी सुझाव आयोग की वेबसाइट पर अपलोड ही नहीं किया गया। उद्धव गुट चुनाव आयोग के इस व्यवहार को शिंदे गुट की गुट की तरफ पक्षपात मान रहा है। शिंदे गुट ने अंधेरी (पूर्व) विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव से पहले दोनों गुटों के चुनाव चिह्न व नाम पर फैसला करने का आग्रह किया था। हालांकि अभी यह निश्चित नहीं है कि शिंदे गुट इस चुनाव में अपना उम्मीदवार खड़ा करेगा भी या नहीं। क्योंकि इस सीट पर भाजपा अपना उम्मीदवार घोषित कर चुकी है। उद्धव गुट के वकील द्वारा लिए गए इस पत्र में पूर्वाग्रह की आशंकाओं को ध्यान में रखते हुए दोनों गुटों के साथ समान व्यवहार करने की अपील की है।आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।