साल 2016 में चार लोगों पर लगा था 'मकोका', अब कोर्ट ने सबूतों के आभाव में किया बरी; आरोपियों को मिला इसका लाभ
MCOCA Special Court 16 जून 2016 को पांच अज्ञात लोग लाठी और चाकू लेकर पालघर के वाडा स्थित एक दुकानदार के घर में बाथरूम की जाली खोलकर घुस गए। आरोपियों ने घर से 1.50 लाख रुपये नकद मोबाइल सोने के आभूषण सहित कीमती सामान लूट लिया। उन्होंने वहां से भागने से पहले दुकानदार की पत्नी पर लाठी से हमला भी किया।
पीटीआई, ठाणे। महाराष्ट्र के ठाणे की एक कोर्ट ने 2016 में हुई डकैती के एक केस में मकोका के तहत गिरफ्तार किए गए चार लोगों को बरी कर दिया। कोर्ट ने चारों के खिलाफ सबूतों के अभाव में उन्हें संदेह का लाभ दिया।
स्पेशल मकोका कोर्ट के जज अमित एम शेटे ने 11 जुलाई को दिए अपने आदेश में कहा कि अभियोजन पक्ष आरोपियों के खिलाफ कोई भी आरोप सिद्ध नहीं कर सका।
अभियोजक कोर्ट को केस की जानकारी दी
विशेष लोक अभियोजक संजय मोरे ने कोर्ट को केस की जानकारी देते हुए बताया कि 16 जून 2016 को पांच अज्ञात लोग लाठी और चाकू लेकर पालघर के वाडा स्थित एक दुकानदार के घर में बाथरूम की जाली खोलकर घुस गए। आरोपियों ने घर से 1.50 लाख रुपये नकद, मोबाइल, सोने के आभूषण सहित कीमती सामान लूट लिया। उन्होंने वहां से भागने से पहले दुकानदार की पत्नी पर लाठी से हमला भी किया।पुलिस अधिकारी ने आरोपियों के खिलाफ मकोका लगाया
कोर्ट में आगे बताया कि जांच के दौरान पुलिस को कुछ आरोपियों के खिलाफ पहले भी दर्ज आपराधिक मामलों का पता चला। इसलिए, अधिकारी ने आरोपियों के खिलाफ मकोका लगाया।
बचाव पक्ष के वकील आरोपों का विरोध किया
वहीं, बचाव पक्ष के वकील पूनित माहिमकर ने मामले का विरोध करते हुए आरोपों का विरोध किया। माहिमकर ने अभियोजन पक्ष के विरोध में कई दलीलें दीं। इसपर जज ने अपने आदेश में कहा कि रिकॉर्ड पर मौजूद पूरे सबूत को देखने के बाद कुछ ऐसे तथ्य सामने आए हैं जो अभियोजन पक्ष के खिलाफ हैं।अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष के गवाह आरोपियों की पहचान करने में नाकाम रहे।ये भी पढ़ें: Gorakhpur Express Fire: गोरखपुर एक्सप्रेस में आग लगने से मची अफरातफरी, ठाणे के रेलवे स्टेशन के पास हुआ हादसा
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