Maharastra: जमानत के लिए अब बांबे हाईकोर्ट की शरण में महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख
Maharastra 100 करोड़ रुपये की रंगदारी का मामला| पिछली एमवीए सरकार में मंत्री रहे देशमुख मुंबई के आर्थर रोड जेल में बंद हैं। ईडी ने दावा किया कि देशमुख ने अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग किया और मुंबई के विभिन्न बार और रेस्तरां से 4.70 करोड़ रुपये एकत्र किए।
मुंबई, एएनआइ। Maharastra News: महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख ने भ्रष्टाचार के मामले में अपनी जमानत के लिए मुंबई उच्चन्यायालय का रुख किया है। उच्चन्यायालय ने उनकी अर्जी स्वीकार कर ली है, और 11 नवंबर को सुनवाई की तारीख निश्चित की है। पिछले सप्ताह ही विशेष सीबीआई कोर्ट ने कड़ी टिप्पणियों के साथ अनिल देशमुख की जमानत याचिका ठुकरा दी थी। इसके बाद अनिल देशमुख ने अपने वकीलों अनिकेत निकम एवं इंद्रपाल सिंह के जरिए उच्चन्यायालय की अवकाशकालीन पीठ के सामने जमानत की अर्जी लगाई है। बुधवार के इस पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति शर्मीला यू.देशमुख ने नौ नवंबर तक सीबीआई को जवाब दाखिल करने एवं उसके बाद 11 नवंबर को जमानत याचिका पर सुनवाई की तारीख निश्चित की है।
अनिल देशमुख के विरुद्ध सीबीआई की जांच मुंबई उच्चन्यायालय के आदेश पर ही अप्रैल 2021 में शुरू हुई थी। उन पर मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने आरोप लगाया था कि गृहमंत्री ने अपने सरकारी आवास पर पुलिस अधिकारियों को बुलाकर मुंबई के बारों एवं रेस्टोरेंट्स से 100 करोड़ रुपए हर महीने वसूली का आदेश दिया है। इसके अलावा देशमुख पर ट्रांस्फर-पोस्टिंग में भी भ्रष्टाचार करने का आरोप सिंह ने लगाया था।
इन दोनों गंभीर आरोपों पर दायर एक अन्य याचिका पर सुनवाई करते हुए उच्चन्यायालय ने पूरे मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी थी। सीबीआई की जांच शुरू होने के कुछ दिनों बाद ही प्रवर्तन निदेशालय ने भी मनी लांड्रिंग मामले में उनकी जांच शुरू कर दी थी। फिर मनी लांड्रिंग मामले में ही उनकी गिरफ्तारी भी हो गई थी। करीब साल भर जेल में रहने के बाद हाल ही में मनी लांड्रिंग मामले में देशमुख की जमानत हो चुकी है।लेकिन विशेष सीबीआई कोर्ट ने उनकी जमानत अर्जी खारिज कर दी है।
2 नवंबर, 2021 को गिरफ्तार किए गए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता पर केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) द्वारा दर्ज भ्रष्टाचार के एक मामले का भी सामना करना पड़ रहा है। पिछली एमवीए सरकार में मंत्री रहे देशमुख मुंबई के आर्थर रोड जेल में बंद हैं। ईडी ने दावा किया कि देशमुख ने अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग किया और मुंबई के विभिन्न बार और रेस्तरां से 4.70 करोड़ रुपये एकत्र किए।
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पिछले सप्ताह ही उनकी याचिका पर सुनवाई करते हुए सीबीआई के विशेष जज एस.एच.गवलानी ने कई गंभीर टिप्पणियां की हैं। उन्होंने जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा कि इस मामले में लगाए गए आरोप बहुत गंभीर और देश की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचानेवाले हैं। जज ने कहा कि ‘वाइट कालर’ अपराधों को गंभीरता से लिया जाना चाहिए। क्योंकि कोई व्यक्ति हत्या तो क्षणिक जुनून में भी कर सकता है, लेकिन आर्थिक अपराध तो ठंडे दिमाग से बहुत सोच-समझकर ही करता है। जज ने कहा है कि जमानत देने से पहले इसी मामले में वादामाफ गवाह बन चुके मुंबई पुलिस के बर्खास्त एपीआई सचिन वाझे की गवाही को भी नजरंदाज नहीं किया जा सकता।